वर्चुअल दुनिया में हम सभी बैठे रहने का काम सबसे ज्यादा करते हैं। इसलिए खुद को फिट और हेल्दी रखना भी एक बड़ा टास्क बन गया है। क्योंकि लगातार बैठे रहने के कारण हमारा शरीर मूवमेंट कम करता है और कमर पर भी अधिक जोर पड़ता है। जिसकी वजह से कमर दर्द भी होने लगता है। इससे अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं पैदा होने लगती हैं। जैसे बॉडी का शेप खराब होना, मोटापा बढ़ना आदि शामिल है।
हांलाकि हर कोई यह चाहता है कि उनकी बॉडी फिट और फाइन दिखे। अगर आप भी फिट और फाइन रहना चाहते हैं, तो आज हम आपके लिए कुछ ऐसे आसान आसन लेकर आए हैं। जिनको आप डेस्क पर बैठकर आसानी से कर सकते हैं और फिट रह सकते हैं।
मार्जरी आसन
मार्जरी आसन को करने के लिए चेयर पर बैठ जाएं।
फिर रीढ़ सीधीकर दोनों पैरों को फर्श पर रखें।
अब अपनी हथेलियों को घुटनों या फिर थाइज पर रखें।
इसके बाद लंबी सांस को अंदर की तरफ खींचते हुए सीने को बाहर की तरफ घुमाएं।
फिर रीढ़ की हड्डी को मोड़ते हुए अपने कंधों को पीछे की ओर ले जाएं। यह बितिलासन है।
अब धीरे-धीरे सांस को छोड़ें और रीढ़ की हड्डी को पीठ की ओर लेकर जाकर गोल करें।
इस तरह से दोनों ही आसनों को धीरे-धीरे लंबी सांस लेते और छोड़ते हुए कम से कम 5 बार करें।
करें स्ट्रेच एक्सरसाइज
इसके अलावा आप कुर्सी पर बैठे-बैठे फुल बॉडी को स्ट्रेच कर सकते हैं। इस एक्सरसाइट को करने से ना सिर्फ आपकी सुस्ती दूर होगी, बल्कि बॉडी में अतिरिक्त फैट भी जमा नहीं होगा। इस एक्सरसाइज को करने के लिए कुर्सी पर सीधे बैठ जाएं। फिर अपने हाथों को शरीर की सीध में ऊपर की ओर उठाएं। इस दौरान आपका पेट आगे आएगा। लेकिन आपको पेट पीछे यानी की अंदर रखने का प्रयास करना है। वहीं पीठ को आगे की तरफ पुश करें। इस दौरान आपको एकदम सीधा देखना है और कंधों को ढीला रखना है।
गोमुखासन
गोमुखासन आसन को करने के लिए सबसे पहले कुर्सी पर सीधा बैठें और अपनी कमर सीधी रखें।
इसके बाद एक पैर को दूसरे पैर पर रखें। ऐसा करते समय एक थाई दूसरी थाई के ऊपर होनी चाहिए।
अब बाएं हाथ को उठाकर कोहनी की ओर मोड़ते हुए पीछे की तरफ कंधों से नीचे लाएं।
फिर दाहिने हाथ को कोहनी से मोड़ते हुए ऊपर की तरफ पीछे पीठ पर ले जाएं।
पीठ के पीछे दोनों हाथों की अंगुलियों को इस तरह से रखें। जिससे कि वह आपस में इंटरलॉक हो जाएं।
इसके बाद सिर को कोहनी पर टिकाकर पीछे की तरफ करने का प्रयास करें।
अब इस आसन को करते हुए सांस लें और छोड़ें।
इस प्रक्रिया को कम से कम 4-5 बार दोहराएं।