आजकल दिल संबंधी बीमारियां तेजी से युवाओं को भी अपनी चपेट में ले रही हैं। इन बीमारियों के तेजी से फैलने का सामान्य कारण बिगड़ा हुआ लाइफस्टाइल और स्ट्रेस हैं। आजकल की बिजी लाइफस्टाइल में दिल को स्वस्थ रखना बेहद जरूरी होता है। क्योंकि दिल की बीमारियों जैसे हार्ट फेलियर, कार्डियक अरेस्ट और हार्ट अटैक के कारण बहुत सारे लोग अपनी जान गंवा देते हैं।
डेली रूटीन को अच्छा रखने से हार्ट डिजीज से बचा जा सकता है। ऐसे में आप दिल को स्वस्थ रखने के लिए कुछ योगासन कर सकते हैं। इन योगासन को करने के दिल संबंधी बीमारियों का बचाव होगा और आपको कई स्वास्थ्य संबंधी फायदे भी मिलेंगे।
धनुरासन
इस आसन का रोजाना अभ्यास करने से पेट की मांसपेशियां मजबूत होने के साथ ही रीढ़ लचीली होती है। साथ ही ब्लड सर्कुलेशन में सुधार होता है। इस आसन को रोजाना करने से पाचन, डायबिटीज और दिल संबंधी बीमारियों में भी फायदा पहुंचाता है। इस आसन को करने के लिए सबसे पहले पेट के बल लेट जाएं और पैरों में नितंब के बराबर गैप रखें। अब पैरों को पीछे मोड़ते हुए ऊपर की तरफ उठाएं और सिर को सामने की तरफ धीरे-धीरे उठाएं। अब अपने हाथों को पीछे ले जाकर पैरों के पंजों को पकड़ने की कोशिश करें। शुरूआत में इस आसन को करने में थोड़ी मुश्किल हो सकती है। इसलिए शरीर को ज्यादा पुश नहीं करें।
भुजंगासन
दिल संबंधी बीमारियों से निजात पाने के लिए भुजंगासन काफी ज्यादा फायदेमंद होता है। इसको करने से रीढ़ की हड्डी लचीली होती है और छाती, कंधों औऱ पेट की मांसपेशियों के लिए भी लाभकारी है। इस आसन को करने से फेफड़ों की बीमारी, मोटापा, साइटिका और स्ट्रेस को कम करने में सहायता मिलती है। इस आसन को करने के लिए पीठ के बल लेट जाएं और पैरों को सीधा रखें। फिर हाथों को कंधे के बराबर लाकर हथेलियों की मदद से छाती को ऊपर की तरफ उठाएं। 30 सेकेंड तक इसी पोजीशन में रहने के बाद वापस सामान्य पोजीशन में वापस आ जाएं।
सेतुबंधासन
सेतुबंधासन का रोजाना अभ्यास करने से दिल और फेफड़े दोनों हेल्दी रहते हैं। इस योगासन से शरीर को एनर्जी मिलती है और रीढ़ व कमर की हड्डी में होने वाली दर्द और जकड़न से राहत मिलती है। इस आसन को करने से पीठ के बल रिलैक्स होकर लेट जाएं और शरीर के बराबर में हाथों को रखें। फिर घुटनों को मोड़कर कुल्हों के पास ले आएं और शरीर को ऊपर की तरफ उठाएं और बॉडी को ऊपर की ओर उठाएं। फिर दोनों हाथों को जोड़ लें, जिससे कि ज्यादा प्रेशर न पड़े। इस आसन को करने से शरीर की सेतु यानी की पुल जैसी आकृति बन जाएगी।