योग करने से ना सिर्फ हमारा शरीर बल्कि मन और आत्मा भी स्वस्थ रहते हैं। शरीर और मन को शांत करने के लिए योग शारीरिक और मानसिक अनुशासन का एक संतुलन है। योग से तनाव और चिंता दूर होती है। अगर योग को अपने डेली रूटीन में शामिल किया जाए तो पुराना से पुराना रोग खत्म हो जाता है। आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको पेट के कब्ज के लिए किए जाने वाले कुछ योगासन के बारे में बताने जा रहे हैं। इस आसन को करने से आप पेट के कब्ज से आसानी से छुटकारा पा सकते हैं। आइए जानते हैं इन योगासन के बारे में...
उदराकर्षण
इस आसन को करने के लिए आप सबसे पहले अपने दोनों पंजों के बल बैठ जाएं। अब गहरी सांस लेते हुए दाहिने घुटने को जमीन पर टिकाएं और बाएं घुटने को छाती के पास रखें। अपने दोनों हाथों के पंजो से दोनों घुटनों को कवर कर लें। दाहिने घुटने को जमीन पर रखते समय ध्यान रखें कि पंजा जमीन पर टिका हो और एड़ी ऊपर की तरफ उठनी चाहिए। अब इस स्थिति में रहते हुए पूरे शरीर को गर्दन सहित बाएं तरफ घुमाएं। ऐसा करने पर दांया घुटना आपके बाएं पंजे को छुएगा। फिर दाहिने पैर की एड़ी की तरफ देखें। इस अवस्था में 1-2 मिनट तक रहें। फिर अपने सामान्य अवस्था में वापस आ जाएं।
नौकासन
पेट साफ करने और कब्ज की समस्या से राहत पाने के लिए नौकासन किया जा सकता है। इस आसन को करने के लिए पैरों को सामने की ओर फैलाकर बैठे। इसके बाद घुटनों को मोड़कर पैरों को जमीन से थोड़ा सा ऊपर रखें। अब अपने हाथों को सामने की तरफ रखें। इस आसन में कुछ देर रहने के बाद सामान्य अवस्था में वापस आ जाएं। इस प्रक्रिया को कम से कम तीन बार करें।
त्रिकोणासन
इस आसन को करने के लिए सावधान की मुद्रा में खड़े हो जाएं। अब एक पैर उठाकर दूसरे से डेढ़ फुट के फासले पर समान अंतर पर रखें। इसके बाद सांस अंदर की ओर लें। अब अपने दोनों बाहों को कंधे की सीध में लाएं। फिर धीरे-धीरे कमर से आगे झुकें। अब सांस को बाहर छोड़ें। इसके बाद दाहिने हाथ से बाएं पैर को स्पर्श करें। वहीं बायां हाथ आकाश की तरफ रखें और बाहों को सीधा रखें। इस अवस्था में दो तीन सेकेंड रुकें और फिर अपनी सामान्य अवस्था में वापस आ जाएं। इसी तरह से आपको बाएं हाथ से दाहिए पैर को स्पर्श करना है। दोनों तरफ से करने के बाद एक चरण पूरा होगा। आप इस आसन को तब तक भी कर सकते हैं, जब तक आपका शरीर ना थके।