Periods के दर्द को कम करने में सहायक हैं ये 3 योगासन, डेली रूटीन में फॉलो करने से मिलेंगे गजब के फायदे
- अनन्या मिश्रा
- Jun 01, 2023
पीरियड्स महिलाओं के शरीर में होने वाली एक नेचुरल प्रक्रिया है। यह महिलाओं के गर्भनाली प्रणाली का एक जरूरी हिस्सा होता है। इसे पीरियड्स, माहवारी और मासिक धर्म भी कहा जाता है। इस दौरान महिलाओं के गर्भाशय के अंदर से खून और टिशू, वजाइना के जरिए बाहर आता है। यह महीने में एक बार होने वाली प्रक्रिया है। अमूमन 5 से 7 दिन तक पीरियड्स की प्रक्रिया चलती है। महीने के नियमित अंतराल में मासिक चक्र होता है। बता दें कि इस प्रक्रिया के माध्यम से गर्भाशय साफ होता है। वहीं पीरियड्स किसी भी महिला के जीवन का सामान्य हिस्सा है।
हालांकि पीरियड्स के दिनों में तेज दर्द, क्रैंप्स, ब्लोटिंग और मूड स्विंग्स जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इस समस्या से निजात पाने के लिए हम आपको इस आर्टिकल के जरिए कुछ आसान योगासन के बारे में बताने जा रहे हैं। योगा हमारे जीवन को स्वस्थ और बेहतर बनाने में मदद करता है। वहीं कुछ योगासन पीरियड्स के दौरान भी हमारी मदद करते हैं।
जानुशीर्षासन
इस योगासन को करने के लिए सबसे पहले मैट पर पीठ को सीधा करके सुखासन की अवस्था में बैठें। इसके बाद बाएं पैर को कुल्हे के जोड़ से बाहर की ओर फैलाएं और दाहिने घुटने को अंदर की ओर मोड़ें। अब दाएं पैर के तलवे को बाई जांघ के अंदर वाले हिस्से के ऊपर रखें। फिर दाहिने पैर और घुटने को फर्श पर रखकर आराम से दबाएं।
धनुरासन
इस आसन को करने के लिए मैट पर पेट के बल लेट जाएं। फिर पैरों को सटाकर रखें और अपने हाथों को पैरों के पास रखें। अब अपने दोनों घुटनों को धीरे-धीरे मोड़ें और टखने को हाथ से पकड़ें। अब सांस को अंदर की ओर खींचते हुए सीने को उठाएं। इसके बाद जांघों को जमीन से ऊपर उठाने हुए सामने की तरफ देंखें।
उष्ट्रासन
इस आसन को करने के लिए वज्रासन की अवस्था में बैठ जाएं। फिर घुटनों पर खड़ी हो जाएं और पैरों को पंजों पर टिका लें। इस दौरान आपके पैरों की एड़ियां ऊपर की ओर होनी चाहिए। अब कमर से पीछे की ओर झुकते हुए हाथों से एड़ियों को पकड़ने की कोशिश करें। वहीं को पीछे की तरफ करें, जिससे कि उसमें आप खिंचाव महसूस कर पाएं। इसी अवस्था में रहते हुए 5-6 बार सांस लें। फिर धीरे-धीरे सीधी हो जाएं।
डिस्क्लेमर: इस लेख के सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन सुझावों और जानकारी को किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर न लें। किसी भी बीमारी के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।