डिजिटल युग के आने के बाद लोग घंटों बैठकर कंप्यूटर, लैपटॉप और मोबाइल पर काम करते हैं। वहीं कोविड टाइम में वर्क फ्रॉम होम का कल्चर भी बढ़ा है। ऐसे में अधिकतर कर्मचारी कंप्यूटर या लैपटॉप पर काम करते हैं। जिसकी वजह से लोगों में सर्वाइकल की समस्या बढ़ती जा रही है। घंटों डेस्क पर बैठकर कंप्यूटर आदि पर काम करने से गर्दन और रीढ़ में दर्द होने लगता है। वहीं अनहेल्दी लाइफस्टाइल की वजह से कम उम्र से ही लोगों को सर्वाइकल की समस्या होने लगी है। इस समस्या से राहत पाने के लिए आप योग का सहारा ले सकते हैं। बता दें कि कुछ योगासनों का नियमित तौर पर अभ्य़ास करने से सर्वाइकल की समस्या कम हो सकती है। तो आइए जानते हैं इन योगासनों के बारे में...
सूर्य नमस्कार
सूर्य नमस्कार में 12 अलग-अलग योगासन होते हैं। आप जितने अधिक इस योग के आसन बिना रुके कर सकते हैं, आपको शरीर को उतना ज्यादा फायदा मिलता है। योग एक्सपर्ट की मानें, तो सूर्य नमस्कार का रोजाना अभ्यास करने से गर्दन की अकड़न, रीढ़ का दर्द आदि समस्या में आराम मिलता है। इसका रोजाना अभ्यास करने से वेट कंट्रोल रहता है और शरीर को स्वस्थ रखने में सहायता मिलती है।
भुजंगासन
यह आसन भी गर्दन और रीढ़ के लिए काफी लाभकारी माना जाता है। हार्मोनल असंतुलन की समस्या होने पर भी रोजाना इस आसन का अभ्यास करना चाहिए। पीठ दर्द, कमर दर्द के अलावा फ्रोजन शोल्डर और छाती की मांसपेशियों को भी स्वस्थ रखने में यह आसन फायदेमंद है। इस आसन को करने के लिए पेट के बल लेट जाएं। अब हथेलियों को कंधों के नीचे रखते हुए सांस लें। फिर शरीर के हिस्से को ऊपर की ओर उठाएं और करीब 10-20 सेकेंड तक इसी स्थिति में रहें। फिर सामान्य पोजीशन में वापस आ जाएं।
मत्स्यासन
बता दें कि मत्स्यासन योगाभ्यास सर्वाइकल की समस्या में काफी असरदार होता है। इस आसन के अभ्यास करने के रीढ़ और गर्दन की हड्डी के गर्दन की दर्द से राहत मिलता है। वहीं थायराइड होने पर भी यह आसन लाभदायक है। इस आसन को करने के लिए सबसे पहले पीठ के बल लेट जाएं। फिर बाहों को शरीर के नीचे मोड़ें औऱ सिर व छाती को ऊपर की तरफ उठाते हुए सांस लें। अब पीठ को झुकाते हुए कोहनियों से पूरे शरीर का संतुलन बनाएं। अब सांस अंदर-बाहर छोड़ते हुए सामान्य अवस्था में वापस आ जाएं।