माँ बनना हर महिला के लिए सबसे सुखद एहसास है। लेकिन प्रेगनेंसी और डिलीवरी के बाद भी महिला का शरीर के बदलावों से गुजरता है। डिलीवरी के बाद प्रेगनेंसी के कारण बढ़े हुए वजन को कम करना हर महिला के लिए एक चैलेंज होता है। डिलीवरी के बाद वजन कम करने के लिए आप योग का सहारा ले सकती हैं। कई ऐसे योगासन हैं जो न केवल वजन घटाने में सहायक हैं, बल्कि कमजोरी दूर करते हैं और हॉर्मोन को भी संतुलित करते हैं। हालाँकि, आपको डिलीवरी के तुरंत बाद कोई योग या एक्सरसाइज शुरू नहीं करनी चाहिए। हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार नॉर्मल डिलीवरी के 6-8 हफ्ते बाद योगासन या एक्सरसाइज करना सही माना जाता है। वहीं, अगर सिजेरियन डिलीवरी हुई हो तो आपको डॉक्टर की सलाह के बाद योग शुरू करना चाहिए। डॉक्टर आपके घावों की स्थिति और शरीर के लचीलेपन को देखते हुए ही आपको योग करने की सलाह देंगे। आज के इस लेख में हम आपको कुछ ऐसे योगासन के बारे में बताने जा रहे हैं जिनका अभ्यास डिलीवरी के बाद बहुत फायदेमंद माना जाता है -
भुजंगासन
डिलीवरी के बाद बढ़े हुए वजन को कम करने के लिए भुजंगासन बहुत फायदेमंद योग है। इससे डिलीवरी के बाद होने वाले पीठ के दर्द से भी राहत मिलती है। इस आसान को करने के लिए ज़मीन पर पेट के बल लेट जाएँ। अब अपनी कोहनियों को कमर से सटा के रखें और हथेलियां ऊपर की ओर रखें। अब धीरे-धीरे सांस भरते हुए अपनी छाती को ऊपर की ओर उठाएं। उसके बाद अपने पेट के भाग को धीरे धीरे ऊपर उठा लें। इस स्थिति में 30 सेकंड तक रहे। अब बाद सांस छोड़ते हुए, अपने पेट, छाती और फिर सिर को धीरे-धीरे जमीन की ओर नीचे लाएं।
गौमुखासन
डिलीवरी के बाद अधिकतर महिलाओं को कंधे और पीठ में दर्द की शिकायत रहती है। गौमुखासन के अभ्यास से गर्दन और कंधें की मांसपेशियों में खिंचाव पैदा होता है जिससे कंधे के दर्द से राहत मिलती है। इस आसान को करने के लिए आराम से बैठने की स्थिति में आ जाएं। अब अपनी बाईं कोहनी को ऊपर उठाएं और अपनी बांह को मोड़ें ताकि आपका हाथ आपकी पीठ पर आ जाए। अब अपनी बाईं कोहनी को धीरे से दाईं ओर खींचने के लिए अपने दाहिने हाथ का उपयोग करें। इस मुद्रा में 30 सेकेंड तक रहें। फिर इसे दूसरी तरफ से करें।
बालासन
डिलीवरी के बाद बालासन के अभ्यास से हिप्स और पेल्विक फ्लोर और लोअर बैक की मसल्स खुलती हैं। इस योगासन को करने से गर्दन और छाती के दर्द में आराम मिलता है। इस आसान को करने के लिए सबसे पहले ज़मीन पर घुटनों के बल बैठ जाएं। ध्यान रखें कि आपके घुटने आपस में सटे हुए और पैर नितम्बों के ऊपर टिके हुए हों। अब शरीर को आगे की ओर झुकाते हुए, धीरे-धीरे सिर ज़मीन से लगाएं। अब दोनों हाथों को सिर से लगाते हुए आगे की ओर सीधा रखें और हथेलियों को ज़मीन से लगाएं। इस अवस्था में कम से कम 30 सेकेंड तक रहें। इस आसान को 4-5 बार दोहराएँ।
उष्ट्रासन
डिलीवरी के बाद उष्ट्रासन का अभ्यास बहुत फायदेमंद होता है। इस योग के नियमित अभ्यास से डिलीवरी के बाद बढ़ा हुआ वजन और पेट के आसपास जम चर्बी तेजी से कम होती है। इस आसन में ऊंट की मुद्रा बनाई जाती है और शरीर को पीछे की तरफ झुकाया जाता है। इस आसान को करने के लिए जमीन पर घुटने के बल बैठ जाएं और दोनों हाथों को कूल्हों पर रखें। ध्यान रखें कि आपके घुटने कंधों के समानांतर हों और पैरों के तलवे छत की तरफ हों। अब सांस को अंदर लें और रीढ़ की निचली हड्डी को आगे की तरफ जाने का दबाव डालें। इस दौरान पूरा दबाव नाभि पर महसूस होना चाहिए। इसे करने के दौरान अपनी कमर को पीछे की तरफ मोड़ें। अब धीरे-धीरे हथेलियों की पकड़ पैरों पर मजबूत बनाएं और अपनी गर्दन को ढीला छोड़ दें। गर्दन पर बिल्कुल भी तनाव न दें। इस अवस्था में 30 से 60 सेकेंड तक रहें। इसके बाद सांस छोड़ते हुए धीरे-धीरे पुरानी अवस्था में वापस लौट आएं।
पश्चिमोत्तानासन
डिलीवरी के बाद बढे हुए वजन को कम करने के लिए पश्चिमोत्तासन बहुत फायदेमंद योग है। इससे शरीर में जमा अतिरिक्त चर्बी कम होती है। पश्चिमोत्तासन के अभ्यास से मांसपेशियां भी टोन होती हैं। इस आसन को करने के लिए सबसे पहले ज़मीन पर सीधा बैठ जाएं और दोनों पैरों को फैलाकर एक-दूसरे से सटाकर रखें। अब दोनों हाथों को ऊपर की ओर उठाएं। इस दौरान आपकी कमर बिल्कुल सीधी रहनी चाहिए। अब झुककर दोनों हाथों से अपने पैरों के दोनों अंगूठे पकड़ें। ध्यान रखें कि इस दौरान आपके घुटने मुड़ने नहीं चाहिए और पैर भी जमीन से सटे हुए होने चाहिए।