आजकल थायरॉइड की बीमारी बहुत आम हो गई है। बड़ी संख्या में बच्चे से लेकर बड़े-बुजुर्ग इस बीमारी से परेशान हैं। थायरॉइड गर्दन में पाई जाने वाली एक ग्रंथि है जो शरीर के मेटाबॉलिज्म को नियंत्रित करने का काम करती है। जब थायराइड ग्रंथि में थायरॉक्सिन हार्मोन का उत्पादन असामान्य होता है तो शरीर में कई तरह की परेशानियाँ होने लगती हैं। थायरॉइड की समस्या में योग बहुत लाभदायक है। ऐसे कई योगासन हैं जिनके नियमित अभ्यास से थायरॉइड की समस्या में राहत मिलती है। आज के इस लेख में हम आपको थायरॉइड के लिए फायदेमंद योगासन बताएंगे -
विपरीत करणी
यह आसान हाइपोथायरायडिज्म सहित विभिन्न बीमारियों के लिए सहायक है। यह थायरॉयड ग्रंथि में रक्त के प्रवाह को बढ़ाता है और थायरॉयड को नियंत्रित करता है। यह आसान स्ट्रेस और अनिद्रा की समस्या में भी बहुत लाभदायक है। इस आसान को 5-20 मिनट तक करना चाहिए।
सलंग सर्वांगासन
यह आसन थायरॉयड के इलाज में फायदा पहुंचाने वाला सबसे अच्छा आसन माना जाता है। इस आसन के अभ्यास से शरीर के ऊपरी भाग की तरफ रक्त संचार बढ़ जाता है। इस आसन के नियमित अभ्यास से थायरॉयड से होने वाले हार्मोन का उत्पादन नियंत्रित रहता है। यह आसन थारॉयड के फंक्शन को बेहतर बनाने में मदद करता है।
मत्सयासन
इस आसन के अभ्यास से थायरॉइड की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है। इस आसान में मछली मुद्रा बनाई जाती है इसलिए इसे मत्यासन कहते हैं। मत्सयासन को सलंब सर्वांगासन का विपरीत आसन कहा जाता है। मत्सयासन में सिर को पीछे की तरफ झुकाया जाता जिससे गले पर दबाव बनाता है। इस आसान के नियमित अभ्यास से थायरॉइड ग्रंथि उत्तेजित होती है।
उष्ट्रासन
थायरॉइड की बीमारी में उष्ट्रासन बहुत फायदेमंद योग माना जाता है। इस आसान में ऊंट की मुद्रा बनाई जाती है इसलिए इसे उष्ट्रासन कहते हैं। इस आसन के अभ्यास के दौरान गर्दन पर दबाव पड़ता है, जो थायरॉयड ग्रंथि को उत्तेजित करने का काम करता है। इस आसन के नियमित अभय से थायरॉइड हार्मोन का उत्पादन बढ़ाने में मदद मिलती है।
नौकासन
नौकासन को थायरॉइड के लिए एक फायदेमंद आसान माना जाता है। इस आसान में नाव की मुद्रा बनाई जाती है। इस आसान के अभ्यास के दौरान गले पर दबाव बनता है। इस आसन के नियमित अभ्यास से थायरॉइड की बीमारी में लाभ होता है। नौकासन को आप घुटने मोड़ कर भी कर सकते हैं। इस आसान को एक मिनट तक करना चाहिए।