आजकल बुजुर्ग ही नहीं युवा भी पीठ दर्द और कमर दर्द जैसी समस्याओं से पीड़ित हैं। इसका मुख्य कारण गलत तरीके से उठना-बैठना है। गलत पॉश्चर से ना सिर्फ हमारी पर्सनैलिटी खराब लगती है बल्कि रीढ़ की हड्डी से जुड़ी तमाम समस्याएँ भी पैदा होती हैं। गलत पॉश्चर के कारण हमारी रीढ़ की हड्डी की लचक खत्म हो जाती है जिसके कारण कमरदर्द, पीठदर्द और स्लिप डिस्क जैसी परेशानियां हो सकती हैं। योगासन आपकी रीढ़ की हड्डी को मजबूत और लचीला बनाने में मदद कर सकते हैं। योग से रीढ़ की हड्डी से जुड़ी सभी समस्याओं से छुटकारा पाया जा सकता है। आज के इस लेख में हम आपको रीढ़ की हड्डी के लिए फायदेमंद योगासनों के बारे में बताने जा रहे हैं -
बालासन
बालासन के नियमित अभ्यास से रीढ़ की हड्डी से जुड़ी समस्याएँ में लाभ होता है। इस आसान को करने के लिए सबसे पहले ज़मीन पर घुटनों के बल बैठ जाएं। ध्यान रखें कि आपके घुटने आपस में सटे हुए और पैर नितम्बों के ऊपर टिके हुए हों। अब शरीर को आगे की ओर झुकाते हुए, धीरे-धीरे सिर ज़मीन से लगाएं। अब दोनों हाथों को सिर से लगाते हुए आगे की ओर सीधा रखें और हथेलियों को ज़मीन से लगाएं। इस अवस्था में कम से कम 30 सेकेंड तक रहें। इस आसान को 4-5 बार दोहराएँ।
उष्ट्रासन
रीढ़ की हड्डी की समस्याओं को दूर करने के लिए उष्ट्रासन बहुत ही कारगर आसन है। इस आसन में ऊंट की मुद्रा बनाई जाती है और शरीर को पीछे की तरफ झुकाया जाता है। इस आसान को करने के लिए जमीन पर घुटने के बल बैठ जाएं और दोनों हाथों को कूल्हों पर रखें। ध्यान रखें कि आपके घुटने कंधों के समानांतर हों और पैरों के तलवे छत की तरफ हों। अब सांस को अंदर लें और रीढ़ की निचली हड्डी को आगे की तरफ जाने का दबाव डालें। इस दौरान पूरा दबाव नाभि पर महसूस होना चाहिए। इसे करने के दौरान अपनी कमर को पीछे की तरफ मोड़ें। अब धीरे-धीरे हथेलियों की पकड़ पैरों पर मजबूत बनाएं और अपनी गर्दन को ढीला छोड़ दें। गर्दन पर बिल्कुल भी तनाव न दें। इस अवस्था में 30 से 60 सेकेंड तक रहें। इसके बाद सांस छोड़ते हुए धीरे-धीरे पुरानी अवस्था में वापस लौट आएं।
शलभासन
इस आसन को करने से आपकी कमर की मांसपेशिया मजबूत होती हैं। इस आसान को करने के लिए ज़मीन पर पेट के बल लेट जाएं और अपनी ठुड्डी को नीचे ज़मीन पर टिकाएं और हथेली अपनी जाँघों के नीचे रखें। अब सांस अंदर खींचते हुए हथेलियों और पैर को उठाएं। आपको तब तक स्ट्रेच करना है जब तक आप अपने पीठ पर जोर महसूस न करें। इस अवस्था में 10-20 सेकंड तक रहें। इस आसान के नियमित अभ्यास से रीढ़ की हड्डी से जुड़ी समस्याएँ दूर होंगी।
मकरासन
रीढ़ की हड्डी से जुड़ी समस्याओं के लिए मकरासन बहुत अच्छा माना जाता है। इस आसन में मगरमच्छ जैसी मुद्रा बनाई जाती है इसलिए इसे मकरासन कहा जाता है। इस आसान को करने के लिए पेट के बल सीधा लेट जाएं। इसके बाद कोहनी को जमीन से सटाकर हाथों को ठोड़ी के नीचे लगाएं। यह बेहद आसान आसन हैं लेकिन इसे करने के दौरान सावधानी बरतें और किसी तरह की जल्दबाजी न करें। इन आसन के नियमित अभ्यास से कमर की मांसपेशियां लचीली और मजबूत बनेंगी और कमर दर्द से भी छुटकारा मिलेगा।
धनुरासन
धनुरासन का नियमित अभ्यास रीढ़ की हड्डी से जुड़ी समस्याओं से छुटकारा दिला सकता है। इसके लिए जमीन पर पेट के बल उल्टा लेट जाएं और अपनी ठुड्डी को जमीन पर नीचे टिका दें। फिर अपने दोनों पैरों को मिलाएं और सीधे रहें। इसके बाद अपने पैरों को मोड़ते हुए पीछे लाएं और अपने हाथों से टकने को पकड़ने की कोशिश करें। फिर अपने दोनों पैरों को खींचे और इस अवस्था में 20-30 सेकंड तक रहें। इस आसान को 10 बार करें।
ताड़ासन
रीढ़ की हड्डी से जुड़ी समस्याओं में ताड़ासन के नियमित अभ्यास से बहुत लाभ होता है। इस आसान को करने के लिए सीधे खड़े हो जाए और पैरों के बीच कुछ दूरी रखें। दोनों हाथों अपने शरीर के पास में सीधा रखें। अब गहरी सांस लेते हुए अपनी दोनों बाजुओं को सिर के ऊपर उठाएं और अपनी उंगलियों को आपस में बांध लें। हाथों को सीधा रखें और स्ट्रेच करें। अपनी एड़ी उठाते हुए अपने पैर की उंगलियों पर खड़े हो जाएं। इस दौरान आपके शरीर में पैरों से लेकर हाथों की उंगलियों तक स्ट्रेच महसूस होना चाहिए। इस अवस्था में 10 तक रहें और सांस लेते रहें। अब सांस छोड़ते हुए अपनी शुरुआती अवस्था में आ जाएं। इस आसन को 10 बार दोहराएं।