Health Tips: 30 से 40 की उम्र में महिलाओं को करना चाहिए ये एक्सरसाइज, जवां और हेल्दी रहेंगी आप

  • अनन्या मिश्रा
  • Apr 23, 2025

Health Tips: 30 से 40 की उम्र में महिलाओं को करना चाहिए ये एक्सरसाइज, जवां और हेल्दी रहेंगी आप

हर महिला के लिए 30-40 साल की उम्र का समय बेहद महत्वपूर्ण होता है। क्योंकि इस दौरान महिलाओं के शरीर में कई तरह के हार्मोनल बदलाव होते हैं। जो महिलाओं के शारीरिक और मानसिक स्थिति को प्रभावित करते हैं। इन हार्मोनल बदलाव की वजह से 30 से 40 साल की उम्र की महिलाओं को मेटाबॉलिज्म भी धीमा हो जाता है। जिसकी वजह से महिलाओं को पाचन संबंधी समस्या और वजन आदि बढ़ने लगता है। वहीं 30 से 40 साल की उम्र में हेल्दी और फिट रहने के लिए महिलाओं को एक्सरसाइज जरूर करना चाहिए। ऐसे में आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको बताने जा रहे हैं कि इस उम्र में महिलाओं को कौन सी एक्सरसाइज करना चाहिए।


कार्डियो एक्सरसाइज

रोजाना 30 से 40 साल की उम्र वाली महिलाओं को कार्डियो एक्सरसाइज करना चाहिए। क्योंकि इससे आपकी दिल की सेहत में सुधार होता है और वेट कंट्रोल होता है। इसलिए रोजाना 30 मिनट जॉगिंग, वॉकिंग, स्विमिंग या साइकिलिंग जैसी एक्सरसाइज करना चाहिए। कार्डियो करने से उम्र के साथ हार्मोन असंतुलन भी ठीक होता है।


पिलाटेज

रोजाना 20 से 25 मिनट तक पिलाटेज एक्सरसाइज करने से महिलाओं की कोर स्ट्रेंथ मजबूत होती है और बैलेंस को मेंनटेन करने में सहायता मिलती है। वहीं 30 उम्र के बाद कमर, पीठ और शरीर के दर्द से राहत मिलती है।


स्ट्रेंथ ट्रेनिंग

स्ट्रेंथ ट्रेनिंग करने से महिलाओं की मांसपेशियां मजबूत होती हैं। इसलिए रोजाना पुशअप्स, स्क्वाट्स और वेट लिफ्टिंग जैसी एक्सरसाइज करना महिलाओं के लिए फायदेमंद होता है।


हाई-इंटेंसिटी इंटरवल ट्रेनिंग

वहीं 30 साल की उम्र के बाद मेटाबॉलिज्म को स्ट्रांग बनाने और वेट लॉस में हाई-इंटेंसिटी इंटरवल ट्रेनिंग लाभकारी होती है। यह एक्सरसाइज करने से शरीर की एक्स्ट्रा कैलोरी कम करने और फिट रहने में सहायता मिलती है।


ब्रीदिंग और बैलेंसिंग एक्सरसाइज

बता दें कि सांस संबंधित एक्सरसाइज जैसे डीप ब्रीदिंग और प्राणायाम करने से मानसिक तनाव कम होता है। वहीं रोजाना ब्रीदिंग करने से शरीर को पर्याप्त रूप से ऑक्सीजन मिलता है, जिससे शरीर का विषाक्त पदार्थ बाहर निकालने में सहायता मिलती है। वहीं बैलेंस एक्सरसाइज करने से सही तरीके से चलने और उठने-बैठने में आसानी होती है।

डिस्क्लेमर: इस लेख के सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन सुझावों और जानकारी को किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर न लें। किसी भी बीमारी के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।


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