महिलाओं के शरीर में प्रेगनेंसी के दौरान कई तरह के बदलाव होते हैं। ऐसा हार्मोन के कारण होता है। यह एक तरह का चक्र होता है, जो प्रेग्नेंसी के लगभग तीनों ट्राइमेस्टर में देखने को मिलता है। हर्मोनल बदलाव की वजह से महिलाओं का सिर्फ शारीरिक ही नहीं, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य भी प्रभावित होता है। जिसके कारण महिलाओं में स्ट्रेस बढ़ने लगता है। इसके अलावा महिलाओं को अपने होने वाले बच्चे की भी चिंता होती है। उन्हें प्रसव का डर भी बना रहता है।
जिंदगी में होने वाले यह बदलाव महिलाओं को रह-रहकर परेशान करते हैं। वहीं तनाव लेने के कारण उनके स्वास्थ्य पर इसका असर पड़ सकता है। जिससे गर्भ में पलने वाले बच्चे पर भी इसका प्रभाव पड़ सकता है। ऐसे में जरूरी है कि प्रेगनेंसी के दौरान महिलाएं ज्यादा से ज्यादा तनाव मुक्त रहें। तनाव मुक्त रहने के लिए हम आपको कुछ उपाय बताने जा रहे हैं। जिन्हें आप भी आजमा सकती हैं।
पति से करें बात
प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं का मूड कभी बहुत अच्छा होता है तो कभी बहुत खराब होता है। हालांकि यह स्थिति महिला के कंट्रोल में नहीं होती है। लेकिन इस सिचुएशन से डील करना काफी जरूरी होता है। ऐसे में आप अपने पति से इस विषय पर बात कर सकती हैं। अगर आपका मूड अच्छा नहीं है तो आप उस दौरान जो फील कर रही हैं, वह अपने पति को बताएं। ठीक वैसे ही अगर आप खुश हैं तो भी इसे अपने पति के साथ शेयर करें। इससे आपके तनाव का स्तर कम होना और आप अच्छा फील करेंगी।
खुद से बातचीत
कई बार यह भी देखा गया है कि जब महिला अकेली होती हैं, तो वह खुद से बातें करने लगती हैं। कई बार महिलाएं अपने होने वाले बच्चे से भी ढेरों बातें करती हैं। आपको बता दें कि खुद से बात करना अच्छा होता है। इससे मन की उलझनें काफी हद तक कम होती हैं। लेकिन सेल्फ टॉक करने के दौरान इस बात का जरूर ध्यान रखें कि आप जो भी बात करें वह पॉजिटिव हो। इस दौरान आप अपने बच्चे के बेहतर स्वास्थ्य की कामना कर सकती हैं। अपने परिवार वालों के बारे में अच्छे बातें सोचें। यह बातें आपको मोटिवेट करेंगी और दुखी होने से बचाएंगी। इस तरीके से भी तनाव कम होगा, जो आपकी प्रेगनेंसी को बेतहर बनाएगा।
योग और एक्सरसाइज
प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं को अपने डेली रुटीन में योग व एक्सरसाइज को जरूर शामिल करना चाहिए। इससे मन शांत होने के साथ ही सांस की गति को नियंत्रित करने में सहायता मिलती है। योग व एक्सरसाइज से महिलाओं को कई तरह के स्वास्थ्य लाभ भी मिलते हैं। इस प्रक्रिय़ा से मूड स्विंग को संयमित रखने में मदद मिलती है। साथ ही तनाव का स्तर भी कम होता है। कई योग और एक्सरसाइज ऐसे भी होते हैं, जो प्रसव की पीड़ा को कम करते हैं। इसलिए एक्सपर्ट की सलाह से योग व एक्सरसाइज जरूर करनी चाहिए।
दोस्तों के साथ समय बिताएं
अक्सर देखा जाता है कि प्रेग्नेंट महिलाएं अधिकतर घर में ही रहती हैं। क्योंकि उनको सलाह दी जाती है कि ज्यादा भाग-दौड़ बच्चे की सेहत से लिए सही नहीं है। अगर आप भी ऐसा सोचती हैं, तो बता दें कि ऐसा बिलकुल भी नहीं है। प्रेग्नेंट महिलाओं को चहलकदमी करते रहना चाहिए। इससे जच्चा और बच्चा दोनों ही स्वस्थ रहते हैं। इसके अलावा आपको समय-समय पर अपने दोस्तों से भी मिलना चाहिए। गर्भवती महिला की रेग्युलर लाइफस्टाइल में कुछ बदलाव होने से वह अच्छा महसूस करेंगी और उनका स्ट्रेस भी कम होगा।
आराम है बहुत जरूरी
प्रेगनेंसी के दौरान पर्याप्त आराम न करने के कारण भी कई बार तनाव का स्तर काफी बढ़ जाता है। इसलिए स्त्री रोग विशेषज्ञ भी गर्भवती महिलाओं को इन दिनों पर्याप्त आराम करने की सलाह देते हैं। आराम करने से वह थकान महसूस नहीं करती हैं। साथ ही उन्हें पूरा समय ऊर्जावान फील होता है और घर के कामकाज में भी उनका मन लगा रहता है। इसलिए जरूरी है कि आप पर्याप्त नींद भी जरूर लें। सोने के लिए किसी शांत जगह का चुनें, साथ ही सोने के दौरान मोबाइल व लैपटॉप का कम से कम इस्तेमाल करना चाहिए। क्योंकि जितना आपका दिमाग शांत रहेगा। आप भी उतना ही रिलैक्स फील करेंगी।