Mental Health: PCOS से पीड़ित महिलाओं में कम होने लगता है सेल्फ कॉन्फिडेंस, ऐसे पहचानें लक्षण
- अनन्या मिश्रा
- May 02, 2024
पीसीओएस यानी कि पॉली सिस्टिक ओवरी सिंड्रोम से पीड़ित महिलाएं कई समस्याओं का सामना करती हैं। साथ ही यह एक गंभीर समस्या है। वर्तमान समय में बड़ी संख्या में महिलाएं इस समस्या का सामना कर रही हैं। बता दें कि 18 से 35 साल तक की महिलाएं तेजी से पीसीओएस की चपेट में आ रही हैं। इस स्थिति में महिला के अंडाशय से एग तय समय से पहले रिलीज होने लगती हैं। जो बाद में सिस्ट में बदल जाते हैं।
इसकी वजह से महिलाओं में मोटापा, अनियमित मासिक धर्म, पिंपल्स, बालों का झड़ना और गर्भधारण करने में परेशानी होती है। वहीं इस समस्या के कारण कई बार महिलाओं की मेंटल हेल्थ भी खराब हो जाती है। ऐसे में आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको पीसीओएस के लक्षण और कारणों के बारे में बताने जा रहे हैं।
मेंटल हेल्थ क्यों होता है खराब
बता दें कि महिला के प्रजनन चक्र में हार्मोन एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन प्राथमिक होते हैं। लेकिन पीसीओएस की समस्या में मेल हार्मोन एंड्रोजन का लेवल बढ़ जाता है। वहीं प्रोजेस्टेरोन हार्मोन की मात्रा कम होने लगती है। हार्मोन में उतार-चढ़ाव होने पर सेरोटोनिन के स्तर पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। यह नींद चक्र, मूड और भूख कों कंट्रोल करता है। इसी वजह से महिलाओं में तनाव, मूड स्विंग्स और चिड़चिड़ापन देखने को मिलता है।
इस समस्या से पीड़ित महिलाओं में आत्मविश्वास की कमी देखी जाती है। यह महिलाएं खुद को दूसरों से कंपेयर करती हैं। जिसके कारण उनको तनाव होने लगता है।
सेरोटोनिन को हैप्पी हार्मोन के नाम से भी जाना जाता है। वहीं इसकी कमी होने पर बात-बात पर गुस्सा होना,उदासी महसूस होना और मूड स्विंग्स होने लगता है।
PCOS में बॉडी में कई तरह के बदलाव होते हैं। जैसे- मुंहासे आना, वजन बढ़ना और बालों का झड़ना आदि शामिल है। इन सारी चीजों को देखकर महिलाएं तनाव में रहने लगती हैं औऱ धीरे-धीरे वह डिप्रेशन व एंग्जाइटी का शिकार हो जाती हैं। इस समस्या से पीड़ित महिलाएं खुद को फिजिकली काफी कम अट्रैक्टिव मानती हैं।
ऐसे करें बचाव
सही और हेल्दी लाइफस्टाइल फॉलो करें, इसके अलावा रूटीन में एक्सरसाइज को शामिल करें। इससे वेट कंट्रोल करने में मदद मिलती है।
हेल्दी डाइट फॉलो करनी चाहिए और खाने में ऐसी चीजों को शामिल करना चाहिए। जिससे आपका सेरोटोनिन का लेवल मेंटेन रहे।
स्ट्रेस दूर करने के लिए रोजाना योग व मेडिटेशन करें।
डिस्क्लेमर: इस लेख के सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन सुझावों और जानकारी को किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर न लें। किसी भी बीमारी के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।