महिला होना कोई आम बात नहीं होती उसके शरीर में ना जाने कितने बदलाव होते हैं जिसकी वजह से उसको असहनीय दर्द और असहनीय पीड़ा का सामना करना पड़ता है। ऐसे ही आज हम आपके सामने महिला के अंदर होने वाले कुछ बदलाव के बारे में बताएंगे। क्या आपने कभी जाना है या सोचा है कि महिला के अंदर एंडोमेट्रियम क्या होता है? किस तरह से महिला के शरीर मे काम करता हैं? इसके होने या न होने से एक स्त्री के शरीर पर क्या असर पड़ सकता है? तो चलिए आज हम आपको बताते हैं कि आखिरकार यह एंडोमेट्रियम है क्या? दरसल यूट्रस की 3 लेयर होती हैं, जिनमें से सबसे अंदर वाली लेयर को एंडोमेट्रियम कहा जाता है। यह शरीर के अंदर की एक गतिशील परत होती है, जो ओवेरियन हार्मोंस को प्रभावित करती है और हर महीने बढ़ाती, घटाती और सुधरती है। साथ ही जब कोई महिला गर्भवती होती है तो यह यूट्रस को विकसित और फर्टिलाइज्ड एग का आरोपण करती है। यदि फर्टिलाइजेशन नहीं हो पाता है तो टिशू बाहर निकल आते हैं जिसकी वजह से महिला के शरीर के अंदर से ब्लीडिंग शुरू हो जाती है,जिसे आम भाषा मे पीरियड्स या मासिकधर्म कहते हैं। एंडोमेट्रियोसिस शरीर के अंदर एक असामान्य टिशू ग्रोथ होती है, जिसमें एंडोमेट्रियम के समान टिशू यूटेरिन केविटी वॉल के बाहर बढ़ने लग जाते हैं। यह महिला के पेल्विस में मौजूद ओवरीज, फैलोपियन ट्यूब और टिशू लाइनिंग को कवर करते हैं। मासिक धर्म के दौरान, हार्मोनल क्रिया के बदलाव के कारण यह टिशू एंडोमेट्रियम की तरह ही शरीर से बाहर निकलते हैं। लेकिन बल्ड या टिशू को शरीर से बाहर आने और अंदर रहने का रास्ता नहीं मिल पाता है।
लक्षण
ज्यादातर महिलाओं को एंडोमेट्रियोसिस के इस तरह के लक्षण हो सकते हैं।
1.मासिक धर्म के दौरान बहुत ज्यादा दर्द होना
2.पेट का स्वास्थ्य सही ना रहना और ऐंठन होना
3.शारीरिक संबंध बनाते समय या फिर इंटरकोर्स करते समय दर्द
4.बार-बार पेशाब करते समय दर्द या फिर मल त्याग करते समय दर्द
फर्टिलिटी पर एंडोमेट्रियोसिस का प्रभाव
महिला के शरीर के अंदर इनफर्टिलिटी का एंडोमेट्रियोसिस के साथ मजबूत संबंध होता है। जब महिला के शरीर में एग ओवरी से बाहर निकलता है, तो फैलोपियन ट्यूब में होने वाले असामान्य टिशू लाइनिंग एग या स्पर्म को नुकसान पहुचाने की स्थिति में हो सकते हैं। इसकी वजह से एग अपने गंतव्य तक नही पहुँच पाता।इसकी वजह से स्मूद फ्यूजन भी काफी प्रभावित होता है जोकि एग और स्पर्म के बीच मौजूद होता है। जिसकी वजह से फर्टिलाइजेशन का प्रोसेस काफी प्रभावित होता है।
एंडोमेट्रियोसिस का ट्रीटमेंट और प्रेग्नेंसी के साथ इसे मैनेज करने का तरीका
लेप्रोस्कोपिक सर्जरी पेल्विक ऑर्गंस में असामान्य टिशु के विकास को अस्त-व्यस्त करने में काफी मदद करती है। इस प्रक्रिया के दौरान बड़े-बड़े डॉक्टर घाव को हटाने के लिए लेजर कैची या फिर cauterization का उपयोग करते हैं। एंडोमेट्रियोसिस महिला के शरीर मे उसके हार्मोन पर निर्भर करता है। लेकिन यह बात साफ नहीं है कि कुछ महिलाओं में यह क्यों होता है और कुछ में क्यों नहीं हाता है।इस बारे में कई शोध किये गए कि यह क्यों बढ़ता है, ज्यादातर सिद्धांतों को इसलिए माना जा सकता है क्योंकि उनमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया की कमी असामान्य सेल्स को मारने और उन्हें बढ़ने और आक्रमण करने की अनुमति देती है। गर्भावस्था के दौरान महिला के शरीर मे एंडोमेट्रियोसिस कम हो सकता है क्योंकि इसका विकास हार्मोन पर निर्भर करता है। एस्ट्रोजन इसे बढ़ने देता है और प्रोजेस्टेरोन इसे कम करता है।