कुछ महिलाओं को फ्लू वैक्सीन लगवाने के बाद बुखार, सिर दर्द, स्किन एलर्जी और शरीर में दर्द जैसी समस्या से गुजरना पड़ता है। ऐसी स्थिति में डॉक्टर से फौरन संपर्क करना चाहिए। वहीं हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो प्रेग्नेंसी के दौरान कोई भी स्वास्थ्य समस्या होने पर बिना बिना डॉक्टर की सलाह के दवा का सेवन नहीं करना चाहिए। क्योंकि यदि आप डॉक्टर से परामर्श किए कोई दवा लेती हैं तो इससे आपके गर्भ में पलने वाले बच्चे को नुकसान पहुंच सकता है।
वहीं कोविड, H3N2 इंफ्लूएंजा और H1N1 वायरस के केसों ने लोगों की चिंता को और बढ़ाने का काम किया है। हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार, यह वायरस हवा में मौजूद होता है, जिससे कोई भी व्यक्ति आसानी से संक्रमित हो सकता है। ऐसे में बच्चों, प्रेग्नेंट महिलाओं और बुजुर्गों को खास ध्यान रखने की जरूरत है। वहीं बदलते मौसम के बीच लोगों को फ्लू वैक्सीनेशन करवाए जाने की सलाह दी जा रही है। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या प्रेग्नेंट महिलाएं भी फ्लू वैक्सीन लगवा सकती हैं। आइए जानते हैं कि हेल्थ एक्सपर्ट्स का इस बारे में क्या कहना है।
हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार, प्रेग्नेंट महिलाएं, बदलते मौसम के बीच कोरोना, एच3एन2 इंफ्लूएंजा और एच1एन1 वायरस के बढ़ते मामलों के कारण खासी परेशान हैं। गर्भावस्था में इम्यूनिटी का कमजोर होना आम बात है। लेकिन इस समय महिलाओं को अपना खास ख्याल रखना चाहिए। मां और बच्चे को बीमारियां परेशान न करें, इसलिए उन्हें फ्लू वैक्सीनेशन जरूर करवाना चाहिए। हेल्थ एक्सपर्ट्स ने बताया कि प्रेग्नेंसी के दौरान फ्लू वैक्सीन लगवाना पूरी तरह सुरक्षित है।
हेल्थ एक्सपर्ट्स ने बताया कि प्रेग्नेंट महिला द्वारा फ्लू वैक्सीन लगवाए जाने से मां और गर्भ में पलने वाले बच्चे दोनों को एंटीबॉडी मिलती है। शरीर में सही मात्रा में एंटीबॉडी होने से महिला कम बीमार पड़ती हैं। इसके साथ ही उनके गर्भ में पलने वाले बच्चे की सेहत पर भी पॉजिटिव असर होता है। बता दें कि प्रेग्नेंसी के दौरान फ्लू वैक्सीन लगवाने से बच्चा जन्म से ही रोग प्रतिरोधक क्षमता के साथ पैदा होता है। फ्लू वैक्सीनेशन प्रेग्नेंसी के दौरान दूसरी या तीसरी तिमाही में कराया जा सकता है। हालांकि वैक्सीनेशन करवाने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लेनी चाहिए।
वहीं फ्लू वैक्सीन लगवाने के बाद प्रेग्नेंट महिलाओं को वैक्सीन वाली जगह पर दर्द और सूजन, बुखार, स्किन एलर्जी, सिर में दर्द और बॉडी में अकड़न जैसी समस्याएं हो सकती हैं। ऐसी स्थिति में डॉक्टर से फौरन संपर्क करना चाहिए। इसके अलावा किसी भी तरह की समस्या होने पर बिना डॉक्टर के परामर्श के कोई भी दवा नहीं लेनी चाहिए। क्योंकि इससे गर्भ में पलने वाले बच्चे को नुकसान पहुंचने की संभावना होती है।