CLOSE

Nuchal Cord: क्या मां के सोने की पोजीशन से बच्चे के गले पर लिपट सकती है अम्बिलिकल कॉर्ड, जानिए क्या कहते हैं डॉक्टर

By Healthy Nuskhe | May 10, 2023

अम्बिलिकल कॉर्ड एक ट्यूब जैसी संरचना जो मां और शिशु को गर्भ के अंदर एक-दूसरे से जोड़े रखती है। अम्बिलिकल कॉर्ड मां से शिशु तक ऑक्‍सीजन और फूड को पहुंचाने में अहम भूमिका निभाती है। लेकिन जब यह गर्भ में पलने वाले बच्चे के गले में लिपट जाती है। तो इस स्थिति को न्‍यूकल कॉर्ड कहा जाता है।  नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में एक रिसर्च के अनुसार, प्रेग्नेंसी के 24 से 26 हफ्ते में लगभग 12% और पूर्ण अवधि तक पहुंचने पर 37% दर्ज की गई घटनाओं के साथ न्यूकल कॉर्ड आम है। आइए जानते हैं हेल्थ एक्सपर्ट्स से कि क्या मां के सोने की पोजीशन के कारण न्यूकल कॉर्ड होता है या नहीं।

सोने की पोजीशन से न्‍यूकल कॉर्ड 
गर्भवती महिलाओं को हमेशा हमेशा लेफ्ट लेटरल पोजीशन में सोने की सलाह दी जाती है। डॉक्टर के अनुसार, जब प्रेग्नेंट महिला लेफ्ट लेटरल स्‍लीप पोजीशन में होती है, तो भ्रूण को ब्लड की आपूर्ति बढ़ जाती है। वहीं जब भी महिला अपने बिस्तर से बाहर निकलती है तो सबसे पहले उसको अपने बाईं तरफ मुड़ना चाहिए। तब इसके बाद खड़ा होना चाहिए। गर्भवती महिलाओं को अचानक से उठकर नहीं खड़ा होना चाहिए।

जानिए क्या कहती हैं डॉक्टर
डॉक्‍टर मनीषा बताती हैं कि इस बात का कोई ऐसा प्रमाण नहीं है कि गर्भवती महिला की स्‍लीप पोजीशन से न्‍यूकल कॉर्ड होती है या नहीं। उन्होंने बताया कि अधिकतर न्‍यूकल कॉर्ड की स्थिति अपने आप हो सकती है। इसका मां की एक्टिविटी से कोई संबंध नहीं होता है। लेकिन कुछ रिसर्च में कुछ कारकों जैसे असामान्‍य रूप से लंबा होना अम्बिलिकल कॉर्ड का लंबा होना है। या फिर न्यूकल कॉर्ड का हिस्ट्री रहना। ऐसी स्थिति में न्यूकल कॉर्ड का जोखिम बढ़ सकता है।

डॉक्टर को कब दिखाएं 
डॉ. मनीषा के अनुसार, यदि मां को बेबी के मूवमेंट या फिर अम्बिलिकल कॉर्ड के गर्दन पर लिपट जाने को लेकर चिंता है। तो ऐसे में अपको फौरन मेडिकल हेल्प लेनी चाहिए। फीटल डिस्‍ट्रेस के संकेतों में शिशु का मूवमेंट कम फील होना, या फिर अचानक से फीटल एक्टिविटी बढ़ना, फीटल हार्ट रेट का लगातार घटना शामिल हैं।

न्‍यूकल कॉर्ड का प्रमाण
न्‍यूकल कॉर्ड को लेकर ऐसा कोई स्‍पष्‍ट प्रमाण नहीं है कि मां की स्लीपिंग पोजीशन के कारण न्यूकल कॉर्ड की स्थिति होती है। अधिकतर न्यूकल कॉर्ड में कोई कॉम्पलिकेशन नहीं है। डॉ. मनीषा ने बताया कि प्रेगनेंट महिलाओं को बाईं करवट लेटना चाहिए। प्रेग्नेंसी में बाईं तरफ करवट लेकर सोना सबसे सुरक्षित स्लीपिंग पोजीशन होती है। यह पोजीशन प्लेसेंटा में रक्त के प्रवाह को बढ़ाता है। जिससे कि विकासशील भ्रूण को ऑक्सीजन और पोषक तत्वों की आपूर्ति में सुधार होता है। यह पैरों के साथ ही टखनों में सूजन को कम करने में सहायता करता है। साथ ही यह एसिड रिफ्लक्स से जुड़ी परेशानी को कम करने के अलावा सीने में जलन की समस्या भी नहीं होती है।

इन स्लीप पोजीशन को करें अवॉइड
गर्भवती महिलाओं को आखिरी के महीनों में पीठ के बल लेटकर नहीं सोना चाहिए। क्योंकि ऐसे सोने से स्टिलबर्थ का खतरा बढ़ सकता है। इससे प्रेग्नेंट महिला को सांस फूलने, चक्कर आने और पीठ के निचले हिस्से में दर्द की समस्या हो सकती है। हालांकि लेटने के दौरान आप सिर, पीठ और पैरों को सपोर्ट देने के लिए तकिए का उपयोग कर सकती हैं।

Copyright ©
Dwarikesh Informatics Limited. All Rights Reserved.