आलू भला किसे नही पसन्द हर किसी को आलू के पराठे या आलू की सब्जी या किसी और रूप में आलू खाना पसंद है। आलू विश्व के कोने कोने में पाया जाता है। शायद आपको आलू के अचूक फायदों का नही पता होगा। आलू खाने से रक्त वह्नियाँ लम्बे समय तक लचकदार बनी रहती हैं। इसलिए इसे खाने से उम्र भी बढ़ती है। इसका सबसे अच्छा प्रयोग राख में भूनकर, छिलका उतारकर खाने से होता है।
वैज्ञानिकों के अनुसार आलू के फ़ायदे -
1. आलू के छिलके निकाल देने पर उसके साथ उसके पोषक तत्व भी चले जाते हैं। आलू को उबालने पर बचे हुए पानी में भी विटामिन रहते हैं। उस पानी को फेंक देने के बजाय सब्जी या दाल में मिलाकर खाना चाहिए।
2. आलू में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेटस, फॉस्फोरस, पोटाशियम, गन्धक, ताँबा और लोहा अधिक मात्रा में हैं। इसमें विटामिन ‘ए’ और ‘सी’ भी थोड़ी मात्रा में मिलता है।
आलू से रोगों के उपचार
1. गठिया- गर्म राख में चार पांच आलू भुनकर उनका छिलका उतार कर स्वाद अनुसार नमक मिर्च लगाकर प्रतिदिन खाने से गठिया रोग ठीक हो जाता है।
2. जोड़ों में दर्द घुटनों में सूजन या जोड़ों में किसी प्रकार की बीमारी हो तो उसके लिए कच्चे आलू को पीसकर लगाने से बहुत लाभ होता है ।
3. सूखे आलू में 8.5% प्रोटीन है। आलुओं में अंडों जैसी प्रोटीन होती है। अधिक आयु वालों के लिए प्रोटीन आवश्यक है। आलुओं की प्रोटीन बूढ़ों के लिए बहुत ही फायदेमंद और वृद्धावस्था की कमजोरी दूर करने वाली होती है।
4. अम्लता (एसिडिटी) - अगर आपकी पाचन क्रिया ठीक नहीं है, और खट्टी डकारें आती रहती हैं, राख (भूमल) या बालू में भुनकर आलू, नमक और काली मिर्च लगाकर इसका सेवन करें। यह कब्ज और अंतड़ियों की बदबू दूर करता है। आलू में उपस्थित पोटेशियम तत्व अस्लपित्त को रोकता है। भुना हुआ आलू रोटी से जल्दी पच जाता है। गेहूँ की रोटी से अधिक पोषक तत्व शरीर को देता है।
5. बेरी-बेरी- आलू पीसकर या दबाकर रस निकालें, एक चम्मच भर के मात्रा के हिसाब से रोज 4 बार पियें। कच्चे आलू को चबाकर रस को निगलने से भी यह फ़ायदा प्राप्त किया जा सकता है।
6. त्वचा की झुर्रियाँ- सर्दी में ठण्डी हवाओं से हाथों की त्वचा पर झुर्रियाँ पड़ने पर कच्चे आलू को पीसकर हाथों पर रगड़ना फायदेमंद है। नीबू का रस भी इसके लिए समान रूप से फायदेमंद है। कच्चे आलू का रस पीने से दाद, फुन्सियाँ, गैस, और माँसपेशियों के रोग दूर होते हैं।
7. गौरवर्ण- आलू को पीसकर त्वचा पर मलने से रंग गोरा हो जाता है।
8. आँखों का जाला एवं फूला- कच्चा आलू शिलबट्टे पर घिसकर सुबह-शाम आँख में काजल की तरह लगाने से 5-6 वर्ष पुराना जाला और 4 वर्ष तक का फूला 3 महीनें में साफ हो जाता है।
9. मोटापा- हम सोचते हैं कि आलू से मोटापा होता है परन्तु आलू मोटापा नहीं बढ़ाता। आलू को तलकर तीखे मसाले घी आदि लगाकर खाने से जो चिकनाई पेट में जाती है, वह चिकनाई मोटापा बढ़ाती है। आलू को उबालकर या गर्म रेत अथवा गर्म राख में भुनकर खाना लाभकारी एवं निरापद है।
10. बच्चों का पौष्टिक भोजन- आलू का रस छोटे दूध पीते बच्चों और बड़े बच्चों को पिलाने से वे मोटे-ताजे हो जाते हैं। आलू के रस में शहद मिलाकर भी पिला सकते हैं।
इस प्रकार निकाले आलू का रस-आलुओं को ताजे पानी से अच्छी तरह धोकर छिलके सहित कद्दूकस करके इस लुगदी को कपड़े में दबाकर रस निकाल लें। इस रस को 1 घण्टे तक ढ़क कर रख दें । जब सारा कचरा, गूदा नीचे जम जाए तो ऊपर का साफ रस अलग करके इसका प्रयोग करें।
11. सूजन- अक्सर चोट लगने से शरीर में सूजन आ जाती है। इसके उपाय के लिए कच्चे आलू सब्जी की तरह काट लें। आलूओं के वजन से डेढ़ गुना पानी में इन्हें उबालें। जब पानी केवल 1 भाग शेष रह जाए तो उसे पानी से चोट से आई सूजन वाले हिस्से को धोएँ, सेंक करें लाभ होगा।
12. गुर्दे की पथरी- गुर्दों में पथरी होने पर केवल आलू खाते रहने से भी बहुत लाभ होता है। पथरी के रोगी को केवल आलू खिलाकर और बार-बार अधिक मात्रा में पानी पिलाते रहने से गुर्दे की पथरी आसानी से निकल जाती है। आलू में मैग्नीशियम प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। जो पथरी को निकालता है तथा पथरी बनने से रोकता है।
13. त्वचा का नीली पड़ना- कई बार चोट लगने पर नीली पड़ जाता है। नीली पड़ी जगह पर कच्चा आलू पीसकर लगाना लाभदायक सिद्ध होता है।
14. त्वचा का जलना- कई बार काम करते वक्त हाथ जल जाता है। जले हुए स्थान पर कच्चा आलू पीसकर लगाएँ तथा तेज धूप, लू से त्वचा झुलस सकती है तो कच्चे आलू का रस झुलसी त्वचा पर लगाने से सौन्दर्य में निखार आ जाता है।
15. हृददाह (दिल मे जलन)- अगर दिल में जलन महसूस हो तो आलू का रस पीएँ। यदि रस निकालाना मुश्किल हो तो कच्चे आलू को मुँह से चबाएँ तथा रस पी जाएँ और गूदे को थूक दें। आलू का रस पीने से हृदय की जलन दूर होकर तुरन्त ठण्डक प्रतीत होती है।
16. वात रक्त- कच्चा आलू पीसकर, वातरक्त में अँगूठे पर लगाने से दर्द कम होता है। दर्द वाले स्थान पर भी लेप करें।
17. विसर्प- यह एक ऐसा संक्रामक रोग है, जिसमें सूजनयुक्त छोटे-छोटे दानें होते हैं, त्वचा लाल दिखाई देती है साथ में बुखार भी रहता है, इस रोग में पीड़ित हिस्से पर आलू को पीसकर लगाने से भी लाभ होता है।
18. आमवात- आप जो भी पहने पैंट या पजामा उसकी दोनों जेबों में लगातार एक छोटा-सा आलू रखें तो यह प्रयोग आमवात से रक्षा करता है। आलू खाने से भी बहुत लाभ होता है।
19. कटि वेदना- कच्चे आलू की पुल्टिश कमर में लगाएँ।
20. घुटनों में सूजन व दर्द- घुटने की श्लेष्मकला शोथ सूजन व इस जोड़ में किसी प्रकार की बीमारी हो तो कच्चे आलू को पीसकर लगाने से लाभ होता है।
आलू खाने के नुकसान -
1. आलू यदि नरम हो गया हो अथवा उसके ऊपर दुर्गन्धयुक्त पानी आ गया हो तो उसका उपयोग न करें।
2. मन्दाग्नि वालों, गैस या मधुमेह से पीड़ित रोगियों को आलू का सेवन हानिकारक हो सकता है।
3. अग्निमांद्य, अफरा, वात प्रकोप, ज्वर मलावरोध, खुजली वगैरह, त्वचा रोग, रक्तविकार, अतिसार, प्रवाहिका, आन्त्रक्षय, अर्श, अपच और उदर कृमि- इन रोगों से पीड़ित लोगों को आलू कम प्रयोग करना चाहिए।