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इन ब्लड ग्रुप के लोगों को कोरोना के नए वेरिएंट से ज्यादा खतरा, रिसर्च में हुआ खुलासा

By Healthy Nuskhe | Dec 01, 2021

कोरोना वायरस पर लगातार अध्ययन किये जा रहे हैं और हर बार इसके बारे में नई जानकारी सामने आती जा रही है। हाल ही में हुए एक रिसर्च में यह बात सामने आई है कि एक व्यक्ति के ब्लड ग्रुप के हिसाब से ही उसके शरीर पर कोरोना वायरस का असर होता है। रिसर्च करने वाले अध्ययनकर्ता ने बताया कि कुछ ब्लड ग्रुप ऐसे है जिनमें कोरोना वायरस होने का खतरा ज्यादा रहता है, वहीं ब्लड ग्रुप के हिसाब से ही मरीज की रिकवरी जल्दी या देरी से होती है।

सर गंगा राम अस्पताल के डिपार्टमेंट ऑफ़ ब्लड ट्रांसफ्यूज़न मेडिसिन द्वारा यह स्टडी की गई है। यह शोध फ्रंटियर्स इन सेल्युलर एंड इंफेक्शन माइक्रोबायोलॉजी में प्रकाशित हुआ है। स्टडीज में बताया गया है कि ब्लड ग्रुप ए और बी वाले व्यक्ति को कोरोना से संक्रमित होने की आशंका ज्यादा रहती है। ए और बी ब्लड ग्रुप वाले व्यक्ति कोरोना वायरस के प्रति अतिसंवेदनशील हैं। जबकि ओ और एबी ग्रुप वाले व्यक्ति संक्रमण से कम प्रभावित हुए हैं। रिसर्च में यह भी बताया गया है कि ब्लड ग्रुप का रोग की गंभीरता और मृत्यु दर के बीच कोई संबंध नहीं है।

पुरुषों को कोरोना वायरस से अधिक खतरा
सर गंगा राम अस्पताल के ब्लड ट्रांसफ्यूज़न मेडिसिन विभाग के डॉक्टर विवेक रंजन ने बताया कि इस अध्ययन से यह पता चला है बी+ ब्लड ग्रुप के पुरुष रोगियों को महिलाओं की तुलना में कोरोना वायरस से संक्रमित होने का अधिक खतरा होता है। साथ ही 60 साल के जिन लोगों का ग्रुप बी और एबी है, उनका भी वायरस से संक्रमित होने का खतरा अधिक है। अध्ययन में यह भी देखा गया कि ब्लड ग्रुप ए और आरएच+ के मरीजों को कोरोना से रिकवर होने में अधिक समय लगा, जबकि ब्लड ग्रुप ओ वाले लोग जल्दी रिकवर हो गए थे। इन लोगों में संक्रमण के लक्षण ज्यादा दिनों तक नहीं दिखाई दिए थे।

2586 कोरोना संक्रमित लोगों को किया गया शामिल
अस्पताल के डिपार्टमेंट ऑफ रिसर्च की कंसलटेंट डॉक्टर रश्मि राणा ने बताया कि अलग-अलग ब्लड ग्रुप और कोरोना वायरस के बीच संबंध पता लगाने के लिए यह अध्ययन किया गया, इसमें ब्लड ग्रुप के साथ कोरोना वायरस की संवेदनशीलता, बीमारी का इलाज़, ठीक होने में लगने वाला समय, और मृत्यु दर की जांच की गई है। इसमें 2586 लोगों को शामिल किया गया है। यह सभी लोग कोरोना वायरस से पीड़ित हुए थे। इन मरीजों को 8 अप्रैल, 2020 से 4 अक्टूबर, 2020 तक सर गंगा राम अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
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