कई बार लोग कब्ज की समस्या से काफी पऱेशान रहते हैं। क्योंकि सुबह-सुबह उठकर पेट साफ नहीं होता है तो पूरा दिन परेशानी भरा हो जाता है। लगभग आधी आबादी कब्ज की समस्या से परेशान है। हालांकि कब्ज को लेकर न जाने कितने ही टोटके आजमाए जाते हैं। साथ ही हमारे देश में आयुर्वेद के महत्व को तो आप सभी भलीभांति जानते हैं। वहीं कब्ज से जुड़े कई आयुर्वेदिक नुस्खे आपको इस समस्या से राहत पा सकते हैं।
कब्ज के साथ एक और गंभीर समस्या होती है सख्त मोशन की। मोशन करते समय पेट दबाकर ताकत लगाने के बाद भी कई बार रिलीफ नहीं मिलता है। हार्ड स्टूल की प्रॉब्लम से कई लोग परेशान होते हैं। ऐसे में आपको कुछ ऐसी चीजें करनी चाहिए। आयुर्वेदिक डॉ. दीक्षा भावसार ने एस बारे में जानकारी शेयर की है। डॉक्टर दीक्षा के अनुसार, वात दोष के बढ़ने के कारण सही मायने में कब्ज होता है। हालांकि इसके कई अन्य कारण हो सकते हैं
कब्ज की समस्या
इससे पहले हम कब्ज के ट्रीटेमेंट के बारे में समझना चाहिए। आखिर कब्ज और हार्ड स्टूल्स की समस्या होती क्यों है।
यदि हमारा खान-पान सही नहीं होता है।
डिनर अगर काफी देर से होता है।
अगर हम बहुत ज्यादा ठंडा, सूखा, बासी, तीखा और तला हुआ खाते हैं।
अगर हमारे फूड में फाइबर की कमी होती है।
यदि हम बॉडी की जरूरत के हिसाब से पानी नहीं पीते हैं।
मेटाबॉलिज्म सही नहीं होने पर कब्ज की समस्या होती है।
सोने-जागने का रूटीन बिगड़ा हो तो कब्ज की समस्या होती है।
लाइफस्टाइल काफी ज्यादा सुस्त हो जाने पर भी इसकी समस्या होती है।
इसके साथ ही कुछ स्वास्थ्य संबंधी समस्या हो जाने से भी ऐसा हो जाता है।
कब्ज और हार्ड स्टूल्स की दिक्कत को रोकने के लिए कई बार लोग लैक्सटिव्स आदि का उपयोग करते हैं। आपकी आंतों को लैक्सटिव्स बहुत नुकसान पहुंचा सकते हैं। साथ ही यह अनहेल्दी है। इसकी आदत लगने पर आपको नॉर्मल तरीके से स्टूल्स पास नहीं कर पाएंगे।
कैसे दूर करें यह समस्या
अगर आप भी इस समस्या से परेशान हैं तो इससे राहत पाने के लिए कुछ देसी नुस्खों को आजमा सकते हैं। आपके किचन में मौजूद सामान कब्ज की शिकायत से आपको राहत दिला सकते हैं।
गाय के दूध का घी
गाय का घी आपके मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने में बहुत सहायक होता है। बता दें कि यह एक नेचुरल लैक्सेटिव भी है। गाय के दूध का घी एक हेल्दी फैट होता है। यह आपकी बॉडी में अच्छे से एब्डॉर्व हो सकता है। हालांकि वेट बढ़ने की चिंता से करने वाले लोग भी इसका सेवन कर सकते हैं। गाय के दूध के घी में विटामिन-ए, विटामिन-डी, विटामिन-ई और विटामिन-के मौजूद होता है।
क्या करें और क्या न करें
कब्ज की शिकायत से बचने के लिए सुबह खाली पेट या सोने से पहले 1 चम्मच गाय के घी का सेवन करना चाहिए। बता दें कि गाय का शुद्ध घी काफी अच्छा होता है। हांलाकि भैंस के घी आपके मोटापे को बढ़ा सकता है। अगर यह आपको सूट नहीं करता है तो आपको इसका सेवन नहीं करना चाहिए। वेट बढ़ाने वालों के लिए भैंस के दूध का घी काफी अच्छा होता है।
गाय का दूध
कई रिसर्च में आपको यह जानकारी मिल जाएगी कि गाय का दूध नेचुरल लैक्सेटिव है। सभी के लिए दूध अच्छा है या बुरा, इस पर भी कई शोध हुए हैं। जिसमें सामने आया है कि हर किसी को दूध सूट नहीं करता है। हालांकि अगर एवरेज लेक्सेटिव की बात करें तो यह सीनियर सिटीजन्स और बच्चों के लिए काफी अच्छा साबित हो सकता है। इसके अलावा गाय का दूध प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए भी काफी अच्छा होता है।
क्या करें और क्या न करें
रात को सोने के दौरान गुनगुने दूध का सेवन करना चाहिए। पित्त की समस्या से परेशान लोगों के लिए यह काफी फायदमंद साबित हो सकता है। क्रोनिक दस्त को भी कम करने में सहायक होता है। गाय के दूध के साथ आप एक चम्मच घी भी ले सकते हैं। इस दौरान आप ध्यान रखें कि भैंस का दूध नहीं लेना है। वहीं फुल क्रीम दूध भी आपके लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है।
किशमिश
कब्ज और सख्त मोशन की समस्या को काली किशमिश काफी हद तक हल कर सकती है। काली किशमिश में फाइबर की अधिक मात्रा पाई जाती है। यह स्टूल के स्मूथ मूवमेंट के लिए काफी अच्छा होता है।
क्या करें और क्या न करें
कुछ किशमिश रात में भिगोकर रख दें और सुबह खाली पेट इसका सेवन करें। सूखी किशमिश का सेवन नहीं करना चाहिए। सूखी किशमिश खाने से बात दोष बढ़ने के साथ ही पेट में गैस की समस्या भी बढ़ने लगती है। इसको डाइजेस्ट होने में भी समस्या होती है।
आंवले का रस
आंवले में भरपूर मात्रा में विटामिन सी पाई जाती है। यह लैक्सेटिव के लिए काफी अच्छा होता है। साथ ही आंवले का सेवन कई तरह के हेल्थ इश्यूज के दौरान भी किया जाता है। बता दें कि कब्ज की समस्या से निजात पाने के लिए आंवला काफी फायदेमंद होता है।
क्या करें और क्या न करें
आंवला शॉट की तरह सुबह भी ले सकते हैं। वहीं इसे फल व पाउडर के तौर पर सुबह खाली पेट भी लिया जा सकता है। आंवले का जरूरत से ज्यादा सेवन नुकसानदायक हो सकता है। इसलिए सीमित मात्रा में ही इसका सेवन करना चाहिए।