अगर कोई आपसे कहे कि आप पराठा खाकर अपना वेट लॉस कर सकते हैं। तो इस पर आपका क्या रिएक्शन होगा। भले ही आपको यह सुनकर हैरानी हो, लेकिन इस बात में पूरी तरह से सच्चाई है। हालांकि हम सभी अपने घरों में बचपन से पराठा खाते आए हैं। लेकिन आज के समय में ज्यादातर लोगों की ब्रेकफास्ट प्लेट से पराठा हटता जा रहा है।
अब लोगों का मानना है कि पराठा हमारे लिए हेल्दी नहीं है। इसके लिए हम सभी अपने नाश्ते में पराठे की जगह कॉर्न फ्लेक्स को दे रहे हैं। इसका एक कारण यह भी है कि बिजी लाइफस्टाइल होने के चलते लोगों के पास ब्रेकफास्ट बनाने का समय नहीं होता है। लेकिन वेटलॉस के लिए पराठा बेहतर है या कॉर्न फ्लेक्स। आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको डाइटीशियन स्वाति बथवाल की राय बताने जा रहे हैं। तो आइए जानते हैं कि क्या कहना है हेल्थ एक्सपर्ट्स का
कैलोरी काउंट
अगर आप 100 ग्राम के पराठे को 5 ग्राम घी में पकाकर बनाते हैं। या फिर 5 ग्राम सफेद मक्खन के साथ 100 ग्राम की स्टफ्ड रोटी को खाते हैं। तो इसकी कैलोरी करीब 200-250 होगी। हालांकि इसके लिए पराठे के साइज और स्टफिंग का भी ध्यान रखना होगा। छोटी डिनर प्लेट के साइज जितना पराठा होना चाहिए। कॉर्न फ्लेक्स से इसकी न्यूट्रिशन वैल्यू अधिक होगी और इससे पेट भी लंबे समय तक भरा रहेगा। वहीं अगर हम ब्रेक फास्ट में आधा कप कॉर्न फ्लेक्स लेते हैं। यह करीब 1 कप पराठे के बराबर होगा। लेकिन इससे आपका पेट नहीं भरेगा। वहीं म्यूसली बस 2 चम्मच यानी की क्वार्टर कप लेनी चाहिए।
आप 100 ग्राम कॉर्न फ्लेक्स के साथ दूध लेते हैं तो इसमें करीब 300 कैलोरीज होंगी। जो एक पराठे से ज्यादा है। वहीं अगर सीरियल में नट्स और फ्रूट्स भी डालेंगे तो इसका कैलोरी काउंट और बढ़ जाएगा। अगर पराठे को अच्छे से सब्जी डालकर बनाया जाए तो यह फ्रेश भी रहेगा और न्यूट्रिशन भी ज्यादा होंगे।
इन बातों का रखें ध्यान
अगर आप रिफाइंड तेल में पराठे को बनाएंगे तो ये आपके लिए हेल्दी नहीं होगा। साथ ही इससे गैस और पेट में सूजन की समस्या हो सकती है। क्योंकि यह मेटाबॉलिक रेट को कम करता है। हालांकि इसका मतलब यह भी नहीं होता है कि आप कितनी भी मात्रा में घी का इस्तेमाल कर सकती हैं। पराठे को सेंकने के लिए ज्यादा घी का यूज नहीं करना चाहिए। स्टफ्ड रोटी बनाकर आप इसको 5 ग्राम सफेद मक्खन के साथ खा सकते हैं। लेकिन अगर पराठा बना रहे हैं तो 5 ग्राम घी में सेकें। इससे ज्यादा घी का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
जानें एक्सपर्ट्स की राय
एक्सपर्ट्स का मानना है कि पराठा फ्रेश होता है। क्योंकि यह घर पर ही बनता है। आप तरह-तरह के आटे में पराठे को बना सकते हैं। साथ ही इसमें वेजिटेबल्स, दाल या पनीर डालकर हाई प्रोटीन पराठा भी बना सकते हैं।
पराठे में स्टफिंग के लिए सिर्फ हेल्दी स्टफिंग को चुनें। प्रयास करें कि यह आलू का पराठा न हो। पराठे में स्टफिंग के लिए वेजिटेबल्स, दाल या पनीर ले सकते हैं। इससे प्रोटीन भी अच्छी मात्रा में मिलेगा।
रागी, जौ या ज्वार के आटे का पराठा फाइबर रिच होता है। साथ ही इससे आपको लंबे समय तक भूख भी नहीं लगती है। पराठा नैचुरल और टेस्टी भी होता है। ऑयल फ्री अचार या चटनी के साथ इस पराठे की न्यूट्रिशन वैल्यू बढ़ जाती है।
अगर आप कॉर्न फ्लेक्स की बात करते हैं तो फिर कोई भी कॉर्न फ्लेक्स हो, सीरियल हो या म्यूसली हो वह पराठे की तुलना में कम हेल्दी होता है। इसे मार्केट में हाई फाइबर या हाई प्रोटीन कहकर उतारा जाता है। लेकिन पहले इनमें से फाइबर को निकाला जाता है, इसके बाद फिर फाइबर और प्रोटीन एड किया जाता है।
यह प्रोसेस्ड होता है। कोई भी प्रोसेस्ड फूड स्वास्थ्य के लिए हेल्दी व अच्छा नहीं होता है।
गेहूं से बने सीरियल की एक्सरपायरी 7 से 15 महीने की होती है। वहीं हम घर में एक दिन पहले बने पराठे को दूसरे दिन नहीं खाते हैं। इस लिहाज से गेहूं से बने सीरियल पराठे की तुलना में अच्छा नहीं होता है।
कॉर्न फ्लेक्स में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा ज्यादा होती है। साथ ही इसमें फास्ट एक्टिंग ग्लूकोज भी होता है। यह शरीर में ग्लूकोज के लेवल को जल्दी बढ़ाता है। कॉर्न फ्लेक्स को खाने से भूख भी जल्दी लगती है।
सीरियल की गुणवत्ता इस बात से भी अंदाज सकते हैं कि यह आयरन लोडेड होता है। ऐसे में यह जानना जरूरी होता है कि अगर आप दूध के साथ आयरन लेते हैं तो यह आपकी बॉडी में अब्जॉर्ब नहीं होगा।
कॉर्न फ्लेक्स में प्रिजेर्वेटिव पाए जाते हैं जो हमारी सेहत को नुकसान पहुंचाते हैं।