जुवेनाइल डायबिटीज को टाइप 1 डायबिटीज और इन्सुलिन भी कहते हैं। यह बीमारी ज्यादातर 18 साल से कम उम्र के बच्चों में देखी जाती है। इस स्थिति मे पेंक्रियाज बहुत कम मात्रा में इंसुलिन बनाता है। डॉक्टर्स के मुताबिक, यह एक ऑटो-इम्यून डिजीज है। इसमें इंसुलिन बनाने वाली बीटा कोशिकाएँ वायरल या बैक्टीरियल संक्रमण या एंटी बॉडीज बनने के कारण नष्ट हो जाती हैं। इससे इंसुलिन बनना कम या बंद हो जाता है और ब्लड शुगर लेवल असामान्य होने लगता है।
लक्षण
बार-बार प्यास लगना
बार-बार यूरिन आना
अचानक से भूख बढ़ना
रात में सोते समय बिस्तर गीला करना
तेजी से वजन घटना
आँखों से धुंधला दिखना
मूड बदलना
जुवेनाइल डायबिटीज से बचाव के उपाय
डॉक्टर की सलाह से जाँच करवाएं और दवा लेते रहें
बच्चे के खानपान पर विशेष ध्यान दें और उसे आलू, मिठाई, चावल, कोल्ड ड्रिंक आदि ना दें
बच्चे को ज्यादा देर तक खाली पेट ना रहने दें
बच्चों को शारीरिक परिश्रम के लिए प्रेरित करें