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Health Tips: AC रूम से अचानक बाहर निकलने पर सेहत पर पड़ता है बुरा असर, हो सकती हैं कई स्वास्थ्य समस्याएं

By Healthy Nuskhe | Jun 04, 2024

मई-जून के महीने में गर्मी अपना प्रचंड रूप दिखा रही है। चिलचिलाती धूप और लू ने लोगों को परेशान कर रखा। जिसके कारण लोगों का घर से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है। ऐसे में तेज गर्मी से राहत पाने के लिए लोग अधिकतर समय कूलर या एसी के सामने बिताते हैं। इन दिनों एसी का चलन काफी ज्यादा बढ़ गया है। घर हो या ऑफिस हर जगह एसी लगी होती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि लगातार एसी की हवा खाना आपके स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा रही है। साथ ही एसी की हवा से बाहर निकलने पर भी बुरा असर पड़ता है।

दरअसल, एसी की ठंडी हवा में रहने के बाद जब आप गर्म वातावरण में बाहर जाते हैं, तो अचानक तापमान में बदलाव होता है। जो आपकी सेहत पर बुरा असर डालता है। ऐसे में आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको बताने जा रहे हैं कि एसी की हवा किस तरह से आपके स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा रही है।

जानिए क्या कहते हैं हेल्थ एक्सपर्ट
हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक जब आप एसी के ठंडे वातावरण से बाहर निकलते हैं। तो तापमान में अचानक से होने वाला बदलाव आपकी सेहत पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकता है। जब आपका शरीर ठंडे वातारवण से गर्मी में जाता है, तो उसे गर्मी का झटका लगता है। अचानक से हुए इस तापमान के बदलाव की वजह से कई शारीरिक प्रतिक्रियाएं शुरू हो सकती हैं।

दिल की सेहत के लिए नुकसानदेह
एसी का ठंडा वातावरण सबसे पहले आपका हार्ट फंक्शन प्रभावित होता है। गर्मी की वजह से ठंडे वातावरण में सिकुड़ी हुई रक्त वाहिकाएं यानी ब्लड वेसल्स काफी तेजी से फैलने लगती है। जिसके कारण ब्लड प्रेशर में तेजी से कमी आती है। इसकी वजह से आपकोचक्कर या बेहोशी भी आ सकती है। खासकर दिल की बीमारी का शिकार लोगों यह बदला वातावरण काफी परेशान कर सकता है।

ब्रोंकाइटिस या अस्थमा के पेशेंट
ठंडे तापमान के बाद अचानक से गर्मी तापमान में आने से ब्रोंकाइटिस या अस्थमा जैसी रेस्पिरेटरी संबंधी बीमारियां पकड़ सकती हैं। जब शरीर अधिक पसीना बहाकर खुद को ठंडा रखने की कोशिश करता है। वहीं गर्मी की वजह से डिहाइड्रेशन भी हो सकता है। ऐसे में शरीर में पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी के कारण थकावट, सिरदर्द और मांसपेशियों में ऐंठन हो सकती है।

हीटस्ट्रोक
जब आप अचानक से ठंडे तापमान से निकलकर गर्म तापमान में जाने से शरीर इसको कंट्रोल करने में असमर्थ होता है और हीटस्ट्रोक का कारण बनती है। इसकी वजह तेज दिल की धड़कन और यहां तक ​​​​कि बेहोशी जैसे लक्षण देखने को मिल सकते हैं। जब शरीर की इस तापमान को कंट्रोल करने की क्षमता विफल हो जाती है, तो शरीर के तापमान में तेजी से बढ़ोत्तरी होती है। जिसके कारण हीट स्ट्रोक होता है। जो एक गंभीर और घातक बीमारी है।
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