जानें ऐसी बीमारी जिसमें सोते समय ही नवजात बच्चे की हो जाती है मौत
- सूर्या मिश्रा
- Dec 16, 2022
![जानें ऐसी बीमारी जिसमें सोते समय ही नवजात बच्चे की हो जाती है मौत](https://images.prabhasakshi.com/2022/12/sudden-infant-death-syndrome_large_1425_23.jpeg)
नवजात शिशु की नींद में ही मौत हो जाती है और माता पिता यह नहीं जान पाते शिशु की मौत का कारण क्या है। मेडिकल एक्सपर्ट के मुताबिक शिशु का मस्तिष्क इसका एक कारण हो सकता है। नींद में अगर शिशु को सांस लेने में समस्या है तो उसकी मौत हो सकती है। शिशु के मस्तिष्क का एक हिस्सा उसकी नींद को बैलेंस रखता है यदि यह सही ढंग से काम नहीं करता है तो क्रिब डेथ हो सकती है। इसे एसआईडीएस कहा जाता है। आइये जानते है क्या है एसआईडीएस-
एसआईडीएस क्या है
यह एक तरह का मस्तिष्क विकार है जो शिशु की नींद को प्रभावित करता है। कभी-कभी प्री-मैच्योर बर्थ भी इसका कारण होता है।
एसआईडीएस के कारण
प्री मैच्योर बेबी का ठीक से शारीरिक विकास नहीं होता है जिनमे उसका हृदय भी शामिल है। अविकसित हृदय सांस लेने की क्रिया को सुचारु रूप से नहीं कर पाता जिससे क्रिब डेथ होती है।
- अगर आप शिशु को पेट के बल सुलाते है तो भी क्रिब डेथ हो सकती है क्योकि इससे शिशु को सांस लेने में दिक्कत होती है ।
- अगर शिशु को जुकाम हुआ हो और उसके सीने में कफ जमा हो तो क्रिब डेथ हो सकती है।
- अगर नींद में शिशु के ब्रीथिंग में किसी तरह की परेशानी हो तो क्रिब डेथ की स्थिति हो सकती है।
- एसआईडीएस क्या है और यह क्यों होता है इस पर बहुत से रिसर्च किये गए है मेडिकल साइंस ने इसको खतरनाक बताया और इससे बचने के कुछ उपाय बताये हैं
एसआईडीएस में सावधानियां
- नवजात शिशु को पीठ के बल ही सुलाएं।
- शिशु को पालने में सुला रहे हैं तो उस पर आरामदायक बिस्तर होना चाहिए।
- सोते हुए शिशु के साथ किसी तरह का खिलौना ना रखें।
- सुलाते समय शिशु को किसी मोटी चादर या रजाई से ना ढकें। इससे उसको सांस लेने में तकलीफ हो सकती है।
- नवजात को 6 महीने तक माँ का दूध ही पिलाये।
- नवजात के कमरे का तापमान 23-25 तक रखें। शिशु को हीटर आग या ब्लोअर या तेज धूप में ना सुलाएं।
- हमारे देश में क्रिब डेथ की संख्या कम है लेकिन इससे बचने के लिए सावधानियां जरुरी है।
डिस्क्लेमर: इस लेख के सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन सुझावों और जानकारी को किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर न लें। किसी भी बीमारी के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।