कान में तेल डालना चाहिए या नहीं? जानिए क्या है एक्सपर्ट्स की राय
- प्रिया मिश्रा
- Sep 23, 2021
कई लोगों में यह धारणा होती है कि कान में तेल डालने से कान का मैल बहुत आसानी से निकल आता है और कान में दर्द नहीं होता है। लेकिन डॉक्टर्स के मुताबिक यह धारणा गलत है और कान में तेल डालने से कान में संक्रमण हो सकता है। इतना ही नहीं, कान में तेल डालने से कान का पर्दा भी खराब हो सकता है। डॉक्टर्स के मुताबिक, कान में कभी ही कच्चा तेल नहीं डालना चाहिए। तेल को लहसुन की कुछ कलियों के साथ उबालकर और फिर इसे ठंडा करके या फिर किसी अन्य तेल के साथ मिलाकर ही कान में डालना चाहिए।
कान में तेल डालना सही या नहीं?
हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, कान में तेल नहीं डालना चाहिए। दरअसल, तेल में कई तरह के बैक्टीरिया मौजूद होते हैं जिससे कान में संक्रमण पैदा सकता है और कई तरह की समस्याएँ हो सकती हैं। डॉक्टर्स के मुताबिक, कान में तेल डालने के काफी दिनों बाद तक कान में नमी बनी रहती है। ऐसे में जब हम घर से बाहर निकलते हैं तो धूल और प्रदूषण के कारण कान में गंदगी से मैल जमने लगता है।
कान में तेल डालने के नुकसान
कई लोग कान में दर्द होने पर या कम सुनाई देने पर कान में तेल डाल लेते हैं। लेकिन इससे आपके कान के पर्दे को नुकसान हो सकता है और आप स्थायी रूप से बहरापन के शिकार भी हो सकते हैं। कभी भी डॉक्टर से बिना पूछे कान में तेल ना डालें।
कान में तेल डालने से ऑटोमाइकोसिस की बीमारी हो सकती है जिसके कारण परमानेंट हियरिंग डिसेबिलिटी की समस्या हो सकती है।
कई लोग कान की मैल निकालने के लिए कान में तेल डालते हैं लेकिन इससे धूल-मिट्टी के कारण कान में गंदगी जमा हो सकती है। इससे कान की मैल बाहर निकलने की बजाय और ज़्यादा जमा हो सकती है।
अगर नहाते समय कान में पानी चला जाए तो भूलकर भी कान में तेल ना डालें। इससे आपके कान में संक्रमण हो सकता है और आपको गंभीर समस्या हो सकती है।
कभी भी छोटे बच्चे के कान में अपनी मर्जी से कोई भी तेल ना डालें। इससे बच्चे के
कान से पस आने की समस्या हो सकती है और कान के पर्दे पर भी बुरा प्रभाव पड़ सकता है। हमेशा डॉक्टर की सलाह से ही कान में तेल डालना चाहिए।
कान में तेल डालने पर आपके कान के अंदर खुजली और दर्द हो सकता है। इससे कान के पर्दे को भी नुकसान हो सकता है।
डिस्क्लेमर: इस लेख के सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन सुझावों और जानकारी को किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर न लें। किसी भी बीमारी के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।