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Health Tips: ब्लड इंफेक्शन की समस्या से बच्चों का ऐसे करें बचाव, जानिए क्या कहते हैं हेल्थ एक्सपर्ट्स

By Healthy Nuskhe | Mar 16, 2024

सेहतमंद बने रहने के लिए इम्यून सिस्टम को स्ट्रांग बनाना बहुत जरूरी होता है। वहीं छोटे बच्चों की इम्यूनिटी काफी कमजोर होती है, ऐसे में उनको इंफेक्शन का अधिक खतरा होता है। इसमें सेप्सिस भी शामिल किया जाता है, जिसको ब्लड इंफेक्शन कहा जाता है। ब्लड इंफेक्शन होने पर बच्चे को थकान और कमजोरी हो सकती है। छोटे बच्चों में ब्लड इंफेक्शन होने का खतरा अधिक होता है। ऐसे में आज इस आर्टिकल के जरिए बताने जा रहे हैं कि ब्लड इंफेक्शन की समस्या होने पर छोटे बच्चों में क्या लक्षण नजर आते हैं। साथ ही यह भी जानेंगे इससे कैसे बच्चे का बचाव करना चाहिए।

सेप्सिस के कारण
सेप्सिस एक गंभीर रोग है, इसमें बैक्टीरिया व जीवाणु से संक्रमण होने का खतरा होता है। यह किसी भी संक्रमण के कारण से हो सकता है। इसमें आप यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन, लंग्स इंफेक्शन, स्किन इंफेक्शन और पेट से जुड़ी समस्याओं को शामिल कर सकते हैं। यह बच्चों के शरीर के अंगों को प्रभावित कर सकती है। सेप्सिस विश्व स्तर पर बाल मृत्यु दर का एक बड़ा कारण माना जा सकता है। विकासशील देशों के बच्चों में सेप्सिस से मृत्यु की दर करीब 50 प्रतिशत से अधिक देखने को मिली है।

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बुखार आना
ब्लड इंफेक्शन होने पर बच्चे को बार-बार बुखार आ सकता है। बच्चे को लगातार तेज बुखार आ सकता है। तीन साल से कम उम्र के बच्चों को इसका विशेष जोखिम अधिक होता है।

बच्चों में सुस्ती और चिड़चिड़ापन
बच्चों में ब्लड संक्रमण होने पर सुस्ती या चिड़चिड़ापन बढ़ सकता है। इस कारण बच्चे सुस्त और थके दिखाई देते हैं। बच्चों के व्यवहार में यह बदलाव इस तरफ संकेत करता है कि आपको फौरन डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

सांस लेने में परेशानी या तेजी से सांस लेना
बच्चों को ब्लड इंफेक्शन की समस्या होने पर रेस्पिरेटरी से जुड़ी समस्या हो सकती है। ऐसे में बच्चों को सांस लेने में दिक्कत हो सकती है। ब्लड इंफेक्शन के कारण कई बार बच्चा तेजी से सांस लेता है, या फिर सांस लेते समय घरघराहट की आवाज हो सकती है।

स्किन में असामान्य परिवर्तन
ब्लड संक्रमण वाले बच्चों की त्वचा में कई तरह के बदलाव देखने को मिल सकते हैं। बच्चों की स्किन में लालिमा और चकत्ते हो सकते हैं। ऐसे में पेरेंट्स को बच्चों की त्वचा पर होने वाले बदलावों पर भी नजर रखनी चाहिए।

खाने में आनाकानी करना
रक्त संक्रमण होने पर बच्चे को भूख लगना कम हो जाती है। ऐसे में भूख न लगने से बच्चा खाना खाने में आनाकानी करने लगता है। वहीं बच्चे का तेजी से वजन भी कम हो सकता है। अगर बच्चा खाना-खाने से मना करता है, तो यह किसी समस्या की ओर संकेत हो सकता है।

बचाव के उपाय
बच्चों को साफ-सफाई की आदत डालें।
बच्चों द्वारा दूध पीने वाली बोतल को डिसइंफेक्टेड जरूर करें।
समय-समय पर बच्चे को स्तनपान कराएं। इससे शिशु को सभी पोषक तत्व मिलते हैं और उनमें इंफेक्शन की संभावना भी कम होती है।
इंफेक्शन से बचाव के लिए शिशु को समय पर टीका जरूर लगवाएं।
बच्चों को बीमार व्यक्तियों के संपर्क में आने से बचाना चाहिए।
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