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Symptoms Of Diabetes: डायबिटीज और मोटापे की समस्या स्थिति को बना सकता है बदतर, जानिए कारण और लक्षण

By Healthy Nuskhe | Jul 09, 2024

डायबिटीज एक गंभीर बीमारी है, जो दुनियाभर के तमाम लोगों को अपनी चपेट में लिए हैं। वहीं भारत में पिछले कुछ समय से डाटबिटीज के मरीजों में बढ़ोत्तरी देखने को मिली है। बता दें कि डायबिटीज एक लाइलाज बीमारी है, जिसका इलाज नहीं हैं। दवाओं और सही लाइफस्टाइल को फॉलो कर इस समस्या को कंट्रोल किया जा सकता है। वहीं हेल्थ एक्सपर्ट डायबिटीज के मरीजों को अपना वेट कम करने की सलाह भी देते हैं।

क्योंकि इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति को मोटापे की समस्या होती है। वहीं मोटापा बढ़ने पर ब्लड शुगर का लेवल काफी ज्यादा और अनियंत्रित हो सकता है। एक रिसर्च से पता चलता है कि मोटापे से ग्रस्त दस में से 9 लोगों में टाइप 2 डायबिटीज होने की अधिक संभावना रहती है। आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको इस बीमारी का मोटापे से संबंध बताने जा रहे हैं और इसका क्या असर होता है। 

डायबिटीज और मोटापा
हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक मोटे व्यक्तियों में अग्न्याशय यानी पैंक्रियाज द्वारा प्रोड्यूस किया गया इंसुलिन टिश्यूज द्वारा प्रभावी ढंग से अब्जॉर्ब नहीं होता है। जिसकी वजह से इंसुलिन का लेवल बढ़ जाता है। जिसकी वजह से मांसपेशियों में झनझनाहट, दर्द और हाइपरसेंसिटिविटी की समस्या हो सकती है। वहीं मामूली सा दबाव भी दर्दनाक हो सकता है। वहीं इन मरीजों के जोड़ों की सीमित गतिशीलता, पैरों में चुभन और दर्द का अनुभव हो सकता है। यह डायबिटिक न्यूरोपैथी और डायबिटीज की वजह से होने वाले हाइपरिन्सुलिनमिया के लक्षण हैं।

डायबिटीज में मोटापे का मांसपेशियों पर असर
वहीं डायबिटीज में मोटापे का शिकार होने पर पैरों में सूजन और संक्रमण की समस्या हो सकती है। इसकी वजह से जोड़ों की गतिशीलता और भी सीमित हो सकती है। इस बीमारी से पीड़ित लोगों को ठंड के प्रति हाइपरसेंसिटिविटी होती है। मरीज को इन लक्षणों को मैनेज करने के लिए ब्लड शुगर के लेवल को कंट्रोल करना जरूरी होता है। सही शुगर लेवल को बनाए रखने के लिए मांसपेशियों को दर्द कम करने में सहायता मिलती है। डायबिटिक न्यूरोपैथी के लक्षणों को बी-विटामिन की खुराक लेने से कम किया जा सकता है।

डायबिटीज मेलेटस
बता दें कि डायबिटीज मेलेटस एक सिस्मेटिक बीमारी है, जो हाई ब्लड शुगर की वजह से होता है। डायबिटीज मेलेटस दो तरह टाइप-1 और टाइप-2 होता है। टाइप -2 बीमारी का सबसे आम रूप है।

मस्कुलोस्केलेटल स्थितियां
रिफ्लेक्स सिम्पैथेटिक डिस्ट्रोफी सिंड्रोम
मांसपेशियों में रोधगलन
मांसपेशियों में ऐंठन
पैरिफेरल न्यूरोपैथी
 
डायबिटीज का एक सामान्य लक्षण मांसपेशियों में ऐंठन होना है। मांसपेशियों में हाइपोग्लाइसीमिया, इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन के अलावा पैरिफेरल वेस्कुलर डिजीज और पैरिफेरल न्यूरोपैथी की वजह से हो सकता है। आमतौर पर ऐंठन निचले अंगों को प्रभावित करता है और यह समस्या रात के समय अधिक देखी जाती है। इन लक्षणों में मांसपेशियों में ऐंठन, दर्द और मोच आना भी शामिल है।

किन लोगों को होती है मांसपेशियों की समस्या
Diabetic Muscle Infarction एक दुर्लभ सहज स्थिति है। जो संभावित रूप से अक्षम करने वाली हो सकती है। यह बीमारी बिना किसी फैमिली मेडिकल हिस्ट्री के बिना भी हो सकती है। यह लंबे समय तक डायबिटीज से पीड़ित व्यक्ति को अधिक प्रभावित करता है। यह मधुमेह रोगियों में होने वाली आम बीमारी है। इनको इंसुलिन की अधिक आवश्यकता होती है।
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