सरकार ने कोरोना के लिए नई गाइडलाइन जारी की है। उसमे बताया गया है कि एस्टेरॉइड्स (Asteroids) देने से बचना को। डॉक्टर्स के अनुसार एस्टेरॉइड्स से 'ब्लैक फंगस' जैसे संक्रमण बढ़ सकते है।
Covid-19 से जुड़े अपडेट
घर में आईसोलेट रहने वाले मरीज़ या हल्के लक्षण वाले मरीज़ Remedesivir का इस्तेमाल ना करें।
नई दिल्ली : Covid 19 के इलाज के दौरान डॉक्टर्स को स्टेरॉइड्स देने से बचना चाहिए कोरोना पर टास्क फाॅर्स के प्रमुख डॉ. वीके पॉल ने दूसरी लहर के दौरान अत्यधिक के इस्तेमाल पर चिंता जताई थी।
कोरोना की नए क्लीनिकल गाइडलाइन के अनुसार ये कहा गया है कि स्टेरॉयडस जैसी दवाएँ इनवेसिव म्यूकोमिर्कोसिस या ' ब्लैक फंगस ' जैसे इन्फेक्शन का जोखिम बढ़ा सकती है। ऐसा तब हो सकता है जब ज़्यादा खुराक लेने या बहुत जल्दी खाने या बहुत लम्बे समय तक ऐसी दवाएँ ली जा रही हो।
सामान्य और गंभीर मामलों के लिए गाइडलाइन
नए गाइडलाइन के अनुसार कोरोना के मामलों को तीन हिस्सों में बांटा गया है - हल्के, सामान्य और गंभीर। इसमें ये बताया गया है कि अगर खांसी दो या तीन हफ्तों से ज़्यादा समय तक रहता है तो मरीज़ को ट्यूबरक्लोसिस (टीबी) होने का ख़तरा हो सकता है। ऐसे में मरीज़ को तुरंत इसकी जॉंच करनी चाहिए।
हल्के लक्षण के लिए क्या करें
नए गाइडलाइन के अनुसार जिन लोगों को Covid + हो जाने के बाद भी सांस लेने में तकलीफ़ ना हो रही हो या हाइपोक्सिआ (hypoxia) जैसे लक्षण नहीं दिख रहे हो, उन्हें हल्के संक्रमण में गिना जा सकता है। ऐसे मरीज़ो ले लिए होम आइसोलेशन में रहकर अपना ध्यान रखना ही बेहतर होगा।
सामान्य और मध्यम लक्षणों के लिए गाइडलाइन
जिन मरीज़ों का ऑक्सीजन स्तर 90-93 प्रतिशत के बीच हो और सांस लेने में भी तकलीफ आ रही हो उन्हें सामान्य या मध्यम स्तर का संक्रमण मन जाएगा। ऐसे मरीज़ो को ऑक्सीजन सपोर्ट दिया जाना चाहिए।
मध्यम और गंभीर लक्षणों के लिए गाइडलाइन
नए गाइडलाइन के अनुसार ये बताया गया है कि 30 प्रति मिनट की श्वसन दर या ऑक्सीजन स्तर 90 प्रतिशत से काम होने पर गंभीर माना जायेगा। ऐसे मरीज़ों को तुरंत आईसीयू में भर्ती कराना चाहिए। ऐसे मरीज़ों को तुरंत आईसीयू में भर्ती कराना चाहिए क्योंकि इन्हें रेस्पिरेटरी सपोर्ट की ज़रुरत होगी।
आपातकालीन उपयोग प्राधिकरण (ईयूए) के तहत ' मध्यम से गंभीर ' लक्षण वाले मरीज़ों को शुरुआत के 10 दिनों के भीतर रेमेडिसिविर (Remedisivir) दिया जा सकता है। साथ ही साथ ये भी बताया गया है कि ऐसे मरीज़ो को जो ऑक्सीजन सपोर्ट में नहीं है या घर पर है, उन्हें इसकी ज़रुरत नहीं है।
इसके अलावा गंभीर संक्रमण या आईसीयू में भर्ती के 24 से 48 घंटों के भीतर टोकिलिजुमैब (Tocilizumab) दवा के ऑफ़-लेबल या ईयूए का भी उपयोग किया जा सकता है।