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अगर आप में हैं ये लक्षण तो जी रहे हैं तनाव में, जानिए समाधान

By Healthy Nuskhe | May 09, 2020

आज के समय में लोगों के लिए तनाव और स्ट्रेस जैसी बीमारी बहुत आम हो गई है। दस में से दो व्यक्ति को यह बीमारी अवश्य मिल जाएगी। तनाव होने की वजह से लोगों के अंदर चिड़चिड़ापन, गुस्सा और नफरत की भावना पैदा होती है। लोगों को कई कारणों की वजह से तनाव और होता है जिसकी वजह से रोजमर्रा की जिंदगी में उन्हें काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। कई बार ऐसे हालात हो जाते हैं कि व्यक्ति चाह कर भी उन्हें सही नहीं कर पाता तो कई बार उन समस्याओं से बाहर आते-आते व्यक्ति को काफी ज्यादा मुश्किल और परेशानियों का सामना करना पड़ता है।


आज के समय में लोग तनाव से इतने घिर चुके हैं कि उन्हें महसूस ही नहीं होता कि वह प्रतिदिन तनाव को झेल रहे हैं। ऐसे तनाव को 'यूस्ट्रेस' कहा जाता है। यह स्ट्रेस व्यक्ति की काम करने की क्षमता और कामकाज की गतिविधि पर बुरा असर डालता है। आज हम आपको बताएंगे किस तरह से आप खुद ही जान सकते हैं कि आप तनावपूर्ण है या नहीं। साथी हम आपको तनाव के लक्षण, ज्यादा टेंशन लेने से उसका नुकसान और टेंशन से बचने के उपाय बताएंगे।


सबसे पहले हम आपको बताएंगे कि आप खुद को कैसे परख सकते हैं कि आप तनाव मुक्त है या नहीं। स्ट्रेस और तनाव होना काफी सामान्य बात है। यह महसूस तब होता है जब व्यक्ति किसी मुश्किल से निपटने में असफल हो जाता है। तनाव होने के कारण पूरे शरीर में एड्रेनालाईन दौड़ने लगता है। दिल की धड़कन अपनी गति से ज्यादा तेज हो जाती है। साथ ही मानसिक और शारीरिक चेतना बहुत ज्यादा बढ़ जाती है। जिस व्यक्ति को तनाव की शिकायत होगी, उसे सामान्य रूप से ज्यादा पसीना आएगा। साथ ही उसे सनसनी महसूस होगी और कई बार पूरे शरीर के रोंगटे खड़े हो जाएंगे। साथ ही हम आपको बातएंगे कि ऐसा बिल्कुल भी नहीं है कि हमारी पीढ़ी से पहले बुजुर्गों को तनाव नहीं होता था। लेकिन बुजुर्ग या हमारे पूर्वज 'करो या मरो' की स्थिति में होते थे। इसलिए वो परेशानियों से निजात पा लेते थे। लेकिन आज के युवाओं के जीवन में तनाव की वृद्धि बुजुर्गों की तुलना में कहीं ज्यादा है। लेकिन सबसे मुश्किल बात यह है कि स्ट्रेस देने वाले हार्मोन जैसे एड्रेलिन और कॉर्टिसोल का उत्सर्जन उस वक्त और ज्यादा खतरनाक हो जाता है जब हमें उनकी जरूरत ना हो।


तनाव केवल हमें मानसिक स्थिति से ही कमजोर नहीं करता बल्कि यह हमारी शारीरिक गतिविधियों पर भी बहुत असर डालता है। यदि तनाव ज्यादा लंबे समय तक रहे, तो शरीर का इम्यून सिस्टम सही से काम करना बंद कर देता है। साथ ही ज्यादा तनाव हृदय को भी काफी नुकसान पहुंचाता है। इसी वजह से शारीरिक और मानसिक रूप से व्यक्ति बीमारियों से निपटने में असमर्थ हो जाता है। तनाव मनुष्य के शारीरिक और मानसिक क्षमता पर काफी प्रभाव डालता है। यदि आपको मानसिक रूप से बार-बार करो या मरो की स्थिति में जाना पड़े। तो यह तनाव आपके लिए बहुत ही ज्यादा खतरनाक हो जाता है। अक्सर लोग ऐसी परेशानी को आदत समझ कर टाल देते हैं। लेकिन ऐसी स्थिति से निपटने के लिए आपका शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रहना बहुत ज्यादा आवश्यक है।


तनाव होने के कारण या तनाव क्यों होता है?
1. काम
2. बेरोजगारी
3. पैसा
4. घरवालों से दूर रहना या घर छोड़ना
5. जीवनसाथी के साथ तनाव या पार्टनर के साथ ब्रेकअप
6. बार-बार नोकरी में बदलाव होना
7. बच्चों का घर छोड़ना
8. आपका स्वास्थ्य और मूड खराब होना
9. किसी करीबी व्यक्ति का निधन होना या जीवनसाथी से दूर होना
10. नशाखोरी और ड्रिंक करना
11. हिंसा या बुरे व्यवहार का शिकार होना


हर व्यक्ति के जीवन में उतार-चढ़ाव आना बहुत आम बात है अगर यह परेशानी लंबे समय तक बनी रहे तो यह तनाव और स्ट्रेस का कारण बन जाती है। इसकी वजह से जिंदगी से जुड़ी बाकी चीजें भी काफी खराब हो जाती है। इंसान को तनाव तभी होता है जब वह उससे लड़ना नहीं चाहता और वैसे ही हालातों में जीत रहता है। तनाव होने पर हमेशा चीजों को सकारात्मक और अच्छे तरीके से देखने की कोशिश करनी चाहिए और नए तरीके से ज़िंदगी की शुरुआत करनी चाहिए। लेकिन अगर आप लगातार नौकरियां, पार्टनर या घर बदल रहे हैं तो ऐसे हालात में आपको हालात नहीं बल्कि खुद को बदलने की जरुरत है।


ज्यादा तनाव लेने से नुकसान
1.ज्यादा तनाव लेने वाले व्यक्ति के हृदय और इम्यून सिस्टम पर काफी प्रभाव पड़ता है।
2. इम्यून सिस्टम और हृदय की बीमारियों का खतरा बहुत ज्यादा बढ़ जाता है।
3. ज्यादा तनाव में रहने वाले व्यक्ति की उम्र पर भी बहुत असर पड़ता है, उसकी उम्र कम हो जाती है।
4. सेक्स लाइफ भी खराब हो जाती है।
टेंशन या तनाव के सामान्य लक्षण
1.रोजमर्रा की भूख से ज्यादा या कम भोजन करना।
2.मानसिक गतिविधियों में तेज़ी से बदलाव होना।
3.आत्मसम्मान और खुद पर भरोसे की कमी आना।
4.हर वक्त टेंशन या बेचैनी महसूस करना।
5.सोने की क्रिया में बदलाव जरूरत से कम या ज्यादा सोना
6.कमजोर याददाश्त या भूलने की समस्या।
7.जरुरत से ज्यादा नशा करना या शराब और ड्रग्स का सेवन करना।
8.शरीर मे जरुरत से ज्यादा थकान या ऊर्जा में कमी होना।
9.अपने करीबी दोस्त और परिवार वालों से दूर-दूर रहना।
10.छोटी-छोटी बात पर चिड़चिड़ापन होना।
11.अपना ध्यान कें​द्रित न करना और काम में संघर्ष ना करना।
12.अपनी मनपसंद चीज़ो पर भी मन ना लगना।
13.विचित्र अनुभव होना, उन चीजों का दिखना जो आपके आसपास हैं ही नहीं।

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