थॉयराइड की समस्या आज के समय में आम होती जा रही है और अधिकतर लोग इस समस्या से ग्रस्त हैं। यूं तो यह समस्या होने पर लोग दवाई का सेवन करते हैं, लेकिन आपका आहार भी इस समस्या को काफी हद तक प्रभावित करता है। थायराइड दरअसल एक एंडोक्राइन ग्लैंड है जो बटरफ्लाई आकार का होता है और ये गले में स्थित है। इसमें से थायराइड हार्मोन निकलता है, लेकिन थायराइड हार्मोन का स्राव जब असंतुलित हो जाता है तो यह समस्या उत्पन्न होती है। अधिकतर लोग हाइपो थॉयराइड से पीडि़त होते हैं और ऐसे में जरूरी है कि आप अपने आहार पर अधिक फोकस करें। तो चलिए जानते हैं हाइपोथॉयराइड होने पर क्या खाएं और क्या नहीं−
आयोडीन
थायराइड ग्लैंड को ठीक से काम करने और पर्याप्त मात्रा में टीएच का उत्पादन करने के लिए आयोडीन की जरूरत होती है। आयोडीन की कमी हाइपोथॉयराइड के रिस्क को बढ़ाती है। इसलिए आप आयोडीन युक्त नमक व आयोडीन रिच फूड को डाइट में शमिल करें।
डेयरी प्रॉडक्ट
एक हाइपोथॉयराइड पेशेंट को दूध व दूध से बनी चीजों को अपने आहार का हिस्सा बनाना चाहिए। अगर आप प्रतिदिन एक कप लो फैट मिल्क लेते हैं तो इससे आपकी दैनिक जरूरत का एक−तिहाई आयोडीन की कमी पूरी होती है। वैसे आप दूध के अतिरिक्त दही व पनीर का भी जरूर सेवन करें।
चिकन व बीफ
एक थायराइड पेशेंट को जिंक की भी पर्याप्त मात्रा में जरूरत होती है। अगर आप जिंक की मात्रा कम लेते हैं तो इससे हाइपोथॉयराइड होने का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। वहीं किसी व्यक्ति को हाइपोथॉयराइड होने पर भी शरीर में जिंक की कमी हो जाती है क्योंकि थायराइड हार्मोन शरीर से मिनरल्स का अवशोषण करता है। आप चिकन व बीफ को डाइट में शामिल करके जिंक की कमी को पूरा कर सकते हैं।
अंडे
हाइपोथॉयराइड से पीडित व्यक्ति के लिए अंडा किसी वरदान से कम नहीं है। एक बड़े अंडे में आपकी दैनिक जरूरत का करीबन 16 प्रतिशत आयोडीन और 20 प्रतिशत सेलेनियम होता है। इस लिहाज से अगर थॉयराइड पेशेंट के लिए इसे सुपरफूड कहा जाए तो गलत नहीं होगा। आप डॉक्टर की सलाह पर अंडे का सेवन प्रतिदिन कर सकते हैं।
इनसे बनाएं दूरी
अगर आपको हाइपोथॉयराइड है तो आप कुछ प्रॉडक्ट्स को अपनी डाइट से दूर ही रखें तो अच्छा। जैसे आप सोया प्रॉडक्ट, ब्रॉकली, फूलगोभी, ग्लूटन युक्त आहार जैसे ब्रेड, पास्ता, चावल, फैटी फूड, शुगरी फूड, प्रोसेस्ड फूड आदि को अपनी डाइट में शामिल न करें।
मिताली जैन