कोरोना वायरस के ओमीक्रॉन वैरिएंट ने भारत सहित दुनिया भर के तमाम देशों में तबाही मचाई हुई है। देशभर में आए दिन ओमीक्रॉन के मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है। कोरोना की पहली और दूसरी लहर में संक्रमित लोगों को ब्लड क्लॉटिंग और हार्ट फेलियर जैसी तमाम स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ा। इसकी चपेट में आने वाले लोगों के न सिर्फ फेफड़े क्षतिग्रस्त होते हैं बल्कि शरीर के दूसरे अंगों को भी ये वायरस बुरी तरह से प्रभावित करता है। कई अध्ययनों से पता चलता है कि कोरोना की चपेट में आने वाले पुरुषों के ना सिर्फ शारीरिक बल्कि यौन स्वास्थ्य पर भी असर होता है।
कुछ शोधकर्ताओं के अनुसार, पुरुषों के शुक्राणु में कुछ एंजाइमेटिक रिसेप्टर्स होते हैं जो कोविड के रास्ते को सुचारू करते हैं। इटली में शोधकर्ताओं की एक टीम ने बताया कि कोविड के कारण शरीर में साइटोकिन स्टॉर्म होता है, जिसका हमारे शरीर की संचार प्रणाली पर गहरा प्रभाव पड़ता है। कई शोधकर्ताओं का मानना है कि यह पुरुषों के यौन जीवन को भी प्रभावित करता है।
कुछ अमेरिकी शोधकर्ताओं द्वारा हाल ही में किए गए एक अध्ययन ने भी यही दावा किया है। उनके मुताबिक, कोविड से संक्रमित होने के बाद पुरुष लंबे समय तक पेनाइल रिलैक्सेशन से पीड़ित हो सकते हैं। उनके अनुसार, कोविड उन कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाता है जो पुरुषों में सेक्स हार्मोन टेस्टोस्टेरोन का उत्पादन करती हैं। इसके परिणामस्वरुप, शरीर की सामान्य टेस्टोस्टेरोन उत्पादन क्षमता बहुत कम हो जाती है। मेडिकल भाषा में इसे हाइपोगोनाडिज्म कहते हैं।
शोधकर्ताओं के मुताबिक, केवल कोविड ही पेनाइल रिलैक्सेशन और हार्मोनल असंतुलन का कारण नहीं है। कुछ शोधकर्ताओं के अनुसार स्पर्म काउंट में कमी भी कोविड का एक नकारात्मक प्रभाव हो सकता है। हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, केवल शारीरिक ही नहीं, कोविड के मनोवैज्ञानिक प्रभाव भी बेहद खतरनाक हो सकते हैं। यौन इच्छा में कमी भी इसके लक्षणों में से एक है। पुरुषों को कोविड से संक्रमित होने के बाद लंबे समय तक शारीरिक संबंध बनाने में समस्या हो सकती है।