आज का समय ऐसा जब इंसान भागादौड़ी के बीच अपने शरीर की पर्याप्त मात्रा में पौष्टिक तत्व देने में जरूर लापरवाही कर जाता है। कहीं न कहीं ऐसे लोगों की संख्या बहुतायत मात्रा में मिल जाएगी जो डाइट प्लान के मुताबिक शरीर को खाद्य पदार्थ नहीं देते हैं। वहीं लगभग कुछ प्रतिशत लोग ही बराबर डाइट के हिसाब से भोजन आदि करते हैं।
तो चलिए आज एक ऐसे विषय पर बात करते हैं जो हमारे जीवन के लिए बेहद जरुरी है्, क्योंकि हमारा शरीर स्वस्थ और तंदुरुस्त है तभी हम ठीक तरीके से जीवन का निर्वहन कर पाएंगे। आज आयुर्वेदिक डाइट प्लान के बारे में आपने सुना ही होगा तो चलिए इस विषय पर विस्तार से जानते हैं कि आयर्वेद के हिसाब से भोज्य पदार्थों का चुनाव कर शरीर को रोगमुक्त कैसे बनाया जा सकता है।
आपने शायद सुना होगा देशी कहावत में कहा जाता है कि ले आहार तो पेले पहाड़ अर्थात् जो व्यक्ति बराबर आहार लेता है वो पहाड़ की मजबूत और हस्ट-पुष्ट शरीर वाला होता है। आयुर्वेद के हिसाब से सभी को भोज के सभी रस समाहित हों ऐसा खान-पान अपनाया जाए। आपको बता दें कि भोजन के रस क्रमशः मीठा, खट्टा, तीखा, नमक, कड़वा और कसैला होते हैं, प्रयास करें कि आपके भोजन में ये सभी रस समाहित हों इससे अत्यंत लाभ होता है।
आयुर्वेद के मुताबिक अदरक का सेवन
यदि आप वाकई आयुर्वेद के मुताबिक अपना खान-पान तैयार करना चाहते हैं तो ध्यान रखें कि अदरक को अपने खाने में किसी न किसी माध्यम से शामिल करें क्योंकि इम्युनिटी बढ़ाने में अदरक लाजवाब होता है। वहीं पाचन क्रिया को निरन्तर सुचारु बनाए रखने में अदरक का महत्वपूर्ण स्थान है।
मसालों के प्रयोग से बचें
आयुर्वेदिक डाइट के मुताबिक आपको मसालों के प्रयोग से बचना है साथ ही सादे भोजन को अपनी दिनचर्या में लाना अति आवश्यक है। आज का खान-पान केवल और केवल मसालों पर निर्भर होकर रह गया है लेकिन चिकित्सकों की सलाह मानें तो मसालेदार भोजन शऱीर के लिए बेहद नुकसानदायक होता है। कई तरह की पाचन से जुड़ी समस्याएं भोजन में मसालों के अकूत प्रयोग की वजह से ही जन्म लेती जा रही हैं।
जल्दी-जल्दी पानी पीने से बचें
इस डाइट प्लान के हिसाब से किसी भी व्यक्ति को हड़बड़ी में जल्दी-जल्दी पानी पीने की मनाही होती है। इसीलिए पानी पीते समय रिलैक्स होकर आराम से एक-एक घूंट पानी पीते रहें और अपनी पाचन क्रिया को मजबूत बनाने में सहयोग दें।
अक्सर घर की महिलाएं सब्जी को पूरी तरह से पका देती हैं या पूरी तरह कच्ची भी रह जाती है। लेकिन आयुर्वेदिक डाइट प्लान में सब्जियों को पूरी तरह नहीं पकाना चाहिए और न ही पूरी तरह कच्ची रहने दें बल्कि भुने हुए भोजन को आयुर्वेद में श्रेष्ठ बताया जाता है।
आजकल के लोगों को खाना मिले या न मिले लेकिन दिनभर में चाय की चुस्की जरुर मिलनी चाहिए वहीं आयुर्वेद की डाइट प्लान के मुताबिक चाय में चीनी की बजाय गुड़ या शहद डालकर पीने की आदत डालें।
लोगों के बीच चलन में है कि शेक पीना चाहिए चाहे वो बनाना शेक हो या और कोई ऐसा जिसमें दूध मिलाया जाता हो। दरअसल आयुर्वेद में दूध के साथ किसी भी फल को मिलाकर पीने की छूट नहीं होती है।