Health Tips: अधिक मीठा खाना इम्यूनिटी को करता है कमजोर, जानिए क्या कहते हैं हेल्थ एक्सपर्ट्स
- अनन्या मिश्रा
- Dec 26, 2023
हम सभी सेहतमंद बने रहने के लिए कई उपाय करते हैं। लेकिन सेहतमंद बने रहने के लिए हेल्दी लाइफस्टाइल को अपनाना बेहद जरूरी होता है। हांलाकि जाने-अंजाने हम रोजमर्रा की जिंदगी में कई ऐसी गलतियां कर बैठते हैं, जो हमारे स्वास्थ्य के लिए बुरी होती हैं। इसलिए सेहतमंद बने रहने के लिए सही खानपान का होना बहुत जरूरी होता है। वहीं अपनी डाइट में कुछ चीजों को कम से कम शामिल करना चाहिए।
कुछ लोगों को मीठा, तला भुना खाना बेहद पसंद होता है। लेकिन यह हमारी सेहत को कई तरह से नुकसान पहुंचा सकता है। बता दें कि ब्लड शुगर लेवल और हार्मोनल बैलेंस पर मीठे का असर होता है। बल्कि हमारी इम्यूनिटी पर भी इसका असर पड़ता है। ऐसे में अगर आप भी जानना चाहते हैं कि मीठा खाना हमारी इम्यूनिटी को किस तरह से प्रभावित करता है, तो यह आर्टिकल आपके लिए है। आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको बताने जा रहे हैं कि ज्यादा मीठी चीजों का सेवन हमारी इम्यूनिटी पर किस तरह से असर डालता है।
मीठा खाने से इम्यूनिटी पर असर
आपको बता दें कि मीठी चीजों का सेवन करने से इसका सीधा असर हमारी गट हेल्थ और इम्यूनिटी से होता है।
ज्यादा मीठा खाने से गट माइक्रोबायोम इंबैलेंस हो सकते हैं। जिसकी वजह से गट में मौजूद बुरे और अच्छे बैक्टीरिया के बीच संतुलन बिगड़ जाता है।
मीठा अधिक मात्रा में खाने से आंतों की एपिथेलियम की लेयर में सूजन की समस्या हो सकती है। साथ ही लीक गट की समस्या भी हो सकती है।
इम्यूनिटी को मजबूत बनाए रखने के लिए हेल्दी गट जरूरी होता है। वहीं आंतों के लीक होने पर इम्यूनिटी पर इसका असर पड़ता है।
आयुर्वेद में भी इम्यूनिटी और डाइजेस्टिव सिस्टम का सीधा संबंध माना गया है।
अधिक मीठा खाने से डाइजेशन में गड़बड़ी होने लगती है। साथ ही इम्यूनिटी भी प्रभावित होती है, जिससे हमें इंफेक्शन और बीमारियां जल्दी घेर लेती हैं।
आयुर्वेद के अनुसार, खाने को सही तरह से पचाने के लिए डाइजेस्टिव फायर को बेहद जरूरी माना जाता है।
वहीं डाइजेस्टिव फायर के कमजोर होने से फूड के ब्रेकडाउन और डाइजेशन में समस्या होती है।
ज्यादा मीठा खाने से न सिर्फ डाइजेशन बल्कि इम्यूनिटी पर भी बुरा असर पड़ता है।
डिस्क्लेमर: इस लेख के सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन सुझावों और जानकारी को किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर न लें। किसी भी बीमारी के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।