उम्र बढ़ने के साथ-साथ शरीर में कई बदलाव आने लगते हैं। बढ़ती उम्र के साथ-साथ व्यक्ति की शारीरिक क्षमता भी कम हो जाती है और कई स्वास्थ्य संबंधित समस्याएं भी होने लगती हैं। चलने-फिरने में परेशानी, जोड़ो में दर्द रहना, नज़र कमजोर होना और दांत गिरना ये सब बुढ़ापे में होना आम बात है। जिन बुजर्गों के दाँत नहीं होते उन्हें अक्सर खाने-पीने में दिक्कत आती है। लेकिन बढ़ती उम्र में शरीर को सही पोषण की बहुत जरूरत होती है।
बुढ़ापे में शरीर बहुत कमजोर हो जाता है, ऐसे में अगर खान-पान ठीक ना हो तो शरीर को सही
पोषण नहीं मिल पाता। स्वस्थ रहने के लिए यह बहुत जरूरी है कि शरीर को पर्याप्त मात्रा में कार्बोहायड्रेट, विटामिन, प्रोटीन और कैल्शियम जैसे पोषक तत्व मिलते रहें। जो बुजुर्ग दाँत ना होने के कारण ठीक तरह से खा नहीं पाते उनमें कई तरह के पोषक तत्वों की कमी हो जाती है। इस समस्या से बचने के लिए बहुत जरूरी है कि उन्हें पौष्टिक और सम्पूर्ण आहार दिया जाए। जिन बुजुर्गों के दाँत नहीं होते वे घर में आमतौर पर बनने वाला खाना जैसे रोटी, सब्जी आदि नहीं खा पाते हैं। इसलिए उन्हें ऐसा भोजन देना चाहिए जो खाने में ज़्यादा सख्त ना हो और जिसे आसानी से चबाया जा सके। ऐसे बुजुर्गों को ज़्यादा से ज़्यादा तरल और नर्म खाद्य पदार्थ देने चाहिए। आज के इस लेख में हम आपको बताएंगे कि जिन बुजुर्गों के दाँत ना हों उनके आहार में क्या -क्या चीज़ें शामिल की जा सकती हैं -
ब्रेकफास्ट
ब्रेकफास्ट यानि नाश्ता दिन के खाने का एक अहम हिस्सा होता है। डॉक्टर्स का मानना है कि सुबह का नाश्ता हमेशा पौष्टिक होना चाहिए जिसे दिनभर के कामों के लिए एनर्जी मिल सके। जिन बुजुर्गों के दाँत ना हों उन्हें नाश्ते में दलिया या उपमा दिया जा सकता है। आप चाहें तो नमकीन दलिया में पकी या उबली हुई सब्जियों का भी इस्तेमाल कर सकते हैं या दूध में बनी मीठी दलिया दे सकते हैं। दलिया या उपमा बहुत पौष्टिक नाश्ता माना जाता है। यह चबाने में भी आसान रहता है और इससे पेट भी लंबे समय तक भरा रहता है। नाश्ते में दलिया या उपमा के साथ चाय-कॉफी, फ्रूट जूस या दूध आदि भी दे सकते हैं। अगर अंडा खाते हों तो नाश्ते में अंडे की भुर्जी भी दे सकते हैं। अंडे में भरपूर मात्रा में प्रोटीन होता है जिससे माँसपेशियाँ मजबूत बनती हैं।
लंच
दोपहर के खाने में खिचड़ी, दाल चावल या दूध/दही के साथ चावल पका कर दे सकते हैं। आप चाहें तो खिचड़ी या दाल में हरी पत्तेदार सब्जियाँ जैसे पालक या मेथी आदि का इस्तेमाल भी कर सकते हैं। हरी पत्तेदार सब्जियों में भरपूर मात्रा में आयरन पाया जाता है जिससे शरीर में खून बढ़ता है। इसके साथ ही दालों में प्रोटीन की पर्याप्त मात्रा पाई जाती है। दोपहर के खाने के साथ दही या छाछ भी दे सकते हैं।
स्नैक्स
स्नैक्स में आप फ्रूट स्मूथी दे सकते हैं। स्मूथी बनाने के लिए आप सेब, केला, पपीता, चीकू आदि फलों का इस्तेमाल कर सकते हैं। आप चाहें तो स्मूथी में काजू-बादाम जैसे ड्राई फ्रूट्स भी पीस कर डाल सकते हैं। स्मूथी एक हेल्थी स्नैक ऑप्शन है और इससे शरीर को कई पोषक तत्व भी मिल जाते हैं। आप चाहें तो एक गिलास दूध के साथ एक स्लाइस ब्रेड स्नैक के तौर पर दे सकते हैं।
डिनर
डॉक्टर्स के मुताबिक रात का खाना हल्का होना चाहिए, इससे डायजेशन ठीक रहता है। डिनर में वेजिटेबल सूप दे सकते हैं। सूप में आप कई तरह की सब्जियों का इस्तेमाल कर सकते हैं जैसे पालक, गाजर, टमाटर, प्याज आदि। आप चाहें तो सूप के साथ उबले हुए आलू भी मैश करके दे सकते हैं। सूप में ब्रेड को छोटे-छोटे टुकड़ों में काटकर डाल सकते हैं, इससे सूप और भी ज़्यादा स्वादिष्ट लगता है।